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मंगलवार को रिलायंस पावर का शेयर 39.14 रुपये पर बंद हुआ था। बुधवार को बाजार खुलते ही यह 4.98% बढ़कर 41.09 रुपये की अपर सर्किट लिमिट तक पहुंच गया। बाजार में भारी खरीदारी के कारण स्टॉक ने तेजी से यह स्तर छुआ।
क्या है तेजी की वजह?
रिलायंस पावर (Reliance Power Share) को यह उछाल तब मिला जब सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) ने कंपनी को जारी किया गया प्रतिबंध नोटिस वापस ले लिया। SECI ने हाल ही में रिलायंस पावर (Reliance Power Share) और उसकी सहायक कंपनियों को अपनी निविदाओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। इसके चलते कंपनी की स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे थे। लेकिन मंगलवार को SECI ने इस मामले से संबंधित कानूनी प्रक्रिया पूरी कर नोटिस को वापस ले लिया। इसके बाद रिलायंस पावर अब SECI की सभी आगामी निविदाओं में भाग ले सकेगी।
SECI ने क्यों लगाई थी रोक?
SECI, जो नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में काम करती है, ने 6 नवंबर को रिलायंस पावर (Reliance Power Share) लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड पर ‘फर्जी दस्तावेज’ जमा करने का आरोप लगाया था। आरोप था कि रिलायंस पावर (Reliance Power Share) की सहायक कंपनी ने फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत की, जिसके चलते SECI ने कंपनी को अपनी निविदाओं में भाग लेने से तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। SECI ने 13 नवंबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह भी पूछा कि क्यों न इस मामले में आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाए।
कंपनी को मिली बड़ी राहत
मंगलवार को SECI ने अपने बयान में कहा, इस मामले से संबंधित कानूनी कार्यवाही के बाद रिलायंस पावर लिमिटेड को जारी किया गया प्रतिबंध नोटिस तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है। SECI ने अपने 6 नवंबर के नोटिस को संशोधित कर कंपनी पर से प्रतिबंध हटा दिया है।
अब क्या होगा असर?
रिलायंस पावर (Reliance Power Share) ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि SECI का प्रतिबंध हटने के बाद कंपनी और उसकी सहायक कंपनियां SECI की सभी निविदाओं में भाग लेने के लिए पात्र हैं। हालांकि, रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड, जिसे पहले महाराष्ट्र ऊर्जा उत्पादन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, इस सूची में शामिल नहीं है।
निवेशकों का भरोसा और बढ़ा
SECI द्वारा प्रतिबंध हटने की खबर ने निवेशकों में विश्वास बढ़ा दिया है। यह कंपनी के भविष्य के टेंडर और परियोजनाओं में भागीदारी का रास्ता खोलता है, जिससे उसके राजस्व और प्रदर्शन में सुधार होने की उम्मीद है। यही वजह है कि बाजार में शेयरों की जबरदस्त खरीदारी देखी गई।
रिलायंस पावर का इतिहास
रिलायंस पावर, अनिल अंबानी (Reliance Power Share) की अगुवाई में ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा नाम है। कंपनी का मुख्य फोकस कोयला, गैस और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में कर्ज और प्रबंधन से जुड़े मुद्दों के चलते कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। ये भी पढ़े:- टीचर से करोड़पति बनने की कहानी, AAP में शामिल हुए अवध ओझा, जानें कितनी संपत्ति के है मालिक? निवेशकों के लिए संकेत
निवेशक इस तेजी को भविष्य के संभावित लाभ के रूप में देख रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि SECI की निविदाओं में भागीदारी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर बना सकती है। हालांकि, निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी निवेश से पहले बाजार की पूरी जानकारी और जोखिम का आकलन करना जरूरी है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश या वित्तीय योजना बनाने से पहले अपने सलाहकार से परामर्श लें। राजस्थान पत्रिका इस लेख में दिए गए किसी भी निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं है।