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बैंक का लाइसेंस कैंसल किया
जैसे ही आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस कैंसल किया है, उसी समय से इस बैंक के सभी तरह के लेनदेन पर रोक लगा दी गई है। अब बैंक के ग्राहक इस बैंक में पैसे न जमा कर पाएंगे न ही निकाल पाएंगे। ग्राहकों के बीच चिंता है कि आखिर उनके जमा पैसों का क्या होगा।
आरबीआई ने जिस बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया है उसका नाम है डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड। यह बैंक महाराष्ट्र का है। इससे पहले भी महाराष्ट्र के कई बैंकों पर आरबीआई ऐसी ही कार्रवाई कर चुका है। इस तरह के करीब आधा दर्जन बैंक हैं, जिनमें ग्राहकों का जमा पैसा लगा हुआ है।
आरबीआई ने दिए बंद करने के आदेश
आरबीआई का कहना है कि डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड अपने ग्राहकों का पैसा चुकाने में असमर्थ हो सकता है। यह बैंक मौजूदा वित्तीय स्थिति में अपनी देनदारी चुकाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में आरबीआई ने महाराष्ट्र सरकार के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक बंद करने के आदेश दिए हैं।
नियमत नहीं चलाया जा सकता है यह बैंक
आरबीआई के अनुसार डॉ शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पास इस समय अपने को चलाए रखने के लिए कमाई के कोई साधन नहीं है। यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के प्रावधानों के अनुसार काम नहीं कर रहा है। ऐसे में आरबीआई को ये फैसला लेना पड़ा। उसका मानना है कि इस बैंक का ग्राहकों के लिए खुला रहना उचित नहीं होगा। इसे अगर छोड़ा जाता है तो आगे बैंक ग्राहकों पर असर पड़ सकता है।
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इस बैंक में ग्राहकों का जमा पैसा नियम के अनुसार वापस होगा। इन बैंकों को डिपोजिट इंश्योंरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की तरफ से बीमा मिलता है। इससे इन बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की गारंटी दी जाती है। ऐसे में अब डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के ग्राहकों को उनका जमा पैसा इसी गारंटी स्कीम के तहत वापस मिलेगा।