Budget 2020: वो पांच बजट जिन्होंने बदली थी भारत की तस्वीर
निर्मला सीतारमण ने 148 किलोमीटर लंबे बेंगलूरु सबअर्बन ट्रांसपोर्टेशन प्रोजेक्ट के लिए 20 फीसदी हिस्सा भारतीय रेलवे द्वारा दिए जाने की घोषणा की है। इस योजना पर 18,600 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि इसका विकास मेट्रो की तर्ज पर किया जाना है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार के 100 दिन पूरे होने के अंदर ही 550 वाई-फाई देश के कई स्टेशनों पर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 27 हजार किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है और देश में मानव रहित क्रॉसिंग खत्म हो चुकी हैं। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत 150 पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके लिए नीलामी और प्राइवेट पार्टनरशिप की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने 1150 ट्रेनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में चलाने की बात कही है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की मदद से 4 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। इसके अलावा मुंबई—अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेनें भी दौड़ेगी। साथ ही रिन्युएबल एनर्जी के लिए 22 हजार करोड़ का फंड निर्धारित किया गया है।
निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में क्यों कहा- हमारा वतन डल लेक में खिलते कमल जैसा…
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पिछले बजट भाषण में कहा था कि सरकार प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना चाहती है। इसके लिए सरकार निजी कंपनियों से अनुरोध भी करेगी। मोदी 2.0 सरकार के पहले बजट को पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि 657 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क बनाने का काम पूरे देश में चालू हो गया है। रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को 2030 तक विकसित करने के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी।