खाताधारकों के लिए पैदा हो सकता है जोखिम
डीमैट के उलट म्यूचुअल फंड्स के 86% खातों में नॉमिनी डिटेल्स भरे गए हैं। 8.90 करोड़ म्यूचुअल फंड फोलियो में से केवल 6% ने नॉमिनेशन नहीं कर बाहर निकलने का विकल्प चुना है जबकि 8% ऐसे हैं जिन्होंने न तो नॉमिनी भरा है और न ही बाहर निकलने का विकल्प चुना है। सेबी का कहना है कि निवेशकों के इस रवैये से उनके लिए बड़ा जोखिम पैदा हो सकता है।
क्या है वजह
बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, डीमैट और म्यूचुअल फंड्स खातों के बीच इस अंतर के लिए काफी हद तक डिस्काउंट शेयर ब्रोकर्स जिम्मेदार हैं। ये नॉमिनेशन प्रक्रिया को नकारते हुए दरकिनार कर देते हैं। यानी खाताधारकों की सहमति के बिना नॉमिनेशन को अपडेट कर रहे हैं।
खातधारकों को हो सकता है नुकसान क्योंकि…
– 13.64 करोड़ डीमैट खातों में से 9.8 करोड़ अकाउंट्स ऐसे जिनमें अभी तक नॉमिनेशन डिटेल्स फाइल नहीं
– 69.73% यानी 9.51 करोड़ डीमैट अकाउंटहोल्डर्स ने जानबूझकर नॉमिनेशन नहीं करने का विकल्प चुना जबकि लगभग 2.76% असमंजस में हैं
– 8.91 करोड़ म्यूचुअल फंड फोलियो में से केवल 6% ने नॉमिनेशन नहीं करके बाहर निकलने का विकल्प चुना, 8% नॉमिनेशन को लेकर असमंजस में
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