rbi ने इसलिए लगाया था Master Card पर बैन RBI ने Master Card पर यूजर्स के डाटा से संबंधित नियम नहीं मानने पर प्रतिबंध लगाया था। आरबीआई द्वारा सभी बैंकों को जारी किए गए सर्कुलर में स्पष्ट रूप से बैंकों को 22 जुलाई से किसी भी प्रकार के नए मास्टर कार्ड जारी ना करने को कहा गया था। आरबीआई ने यह कार्रवाई Master Card Asia Pacific पर 6 अप्रैल 2018 को जारी सर्कुलर के आधार पर की है।
आरबीआई के अनुसार payment system statistics के मेंटेनेंस को लेकर 6 अप्रैल, 2018 को सर्कुलर जारी किया गया था। इसके मुताबिक सभी संबंधित सर्विस प्रोवाइडर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि वो 6 महीने के भीतर पेमेंट सिस्टम से संबंधित सभी आंकड़े केवल देश में ही रखने की व्यवस्था करें। Master Card एक अमरीकी कंपनी है जो यहां के नियम नहीं मान रही थी, जिसके लिए इससे पहले भी सरकार और इन पेमेंट कंपनियों में नोकझोक हो चुकी है।
इन बैंकों पर पड़ेगा सीधा असर मास्टर कार्ड पर बैन का असर सरकारी व निजी दोनों प्रकार के बैंकों पर पड़ेगा। अगर बात करे निजी बैंको की तो इसमें Axis बैंक, Indsuind बैंक, Yes बैंक शामिल हैं। वहीं, दूसरी ओर सरकारी बैंकों में SBI बैंक शामिल होने के अलावा बजाज फिनसर्व शामिल है। गौर करने वाली बात ये है कि RBL बैंक, बजाज फिनसर्व और यस बैंक पूरी तरीके से मास्टर कार्ड पर निर्भर है तो इन्हें काफी परेशानी होने वाली है। हालांकि अन्य बैंक पूरी तरीक़े से मास्टर कार्ड का उपयोग नहीं करते है और इनके ग्राहकों को कम परेशानी हो सकती है।
इन बैंकों पर नहीं होगा असर RBL बैंक और Yes बैंक के ऊपर ज्यादा असर होगा पर HDFC बैंक और कोटक बैंक जैसे कई बड़े बैंक हैं जिनपर असर नहीं होगा। वहीं, अगर ICICI बैंक, Yes बैंक और इंडसइंड बैंक की बात करें तो ये बैंक मास्टर कार्ड पर 35 से 40 फ़ीसदी तक निर्भर हैं। SBI बैंक 10% तक ही मास्टर कार्ड पर निर्भर करता है इसलिए उसपर ज्यादा असर आरबीआई के इस बैन का नहीं होगा।
सरकार, डाटा संग्रहण जैसे विषयों पर काफी गंभीर है इसीलिए सभी विदेशी कंपनियों को पहले से ही नियम की पालना करने के लिए कहती रही है और जो नहीं मान रहे हैं उन कंपनियों पर कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हट रही है।