क्लेम सेटलमेंट
कोई हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय सबसे क्लेम सेटलमेंट पर जरूर ध्यान चाहिए। अगर कोई कंपनी आसानी से बीमा पॉलिसी में कंज्यूमर को क्लेम सेटलमेंट नहीं देती है। ऐसे में बाद में उनको काफी परेशानी उठानी पड़ती है। RenewBuy के को-फाउंडर इंद्रनील चटर्जी का कहना है कि इंडस्ट्री आज क्लेम सेटलमेंट के मामले में कोलैबोरेट करते हुए काम कर रहा है। जिसकी वजह से बीते कुछ सालों में ट्रेडिशनल-डिजिटल मॉडल तेजी से सेटलमेंट के लिए एक साथ आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पॉलिसीधारकों को कुछ टिप्स और ट्रिक्स के बारे में भी पता होना चाहिए ताकि उन्हें क्लेम सेटलमेंट में किसी तरह की परेशानी नहीं आए।
टैक्स बचत के साथ होगी मोटी कमाई, ज्यादा रिटर्न के लिए यहां करें निवेश
वेटिंग पीरियड
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय वेटिंग पीरियड का भी ध्यान रखना चाहिए। कुछ पॉलिसी एक या दो साल के वेटिंग पीरियड के बाद मौजूद बीमारियों को कवर करती है। वहीं ऐसी भी होती है जो चार बाद उन्हें कवर करती है। ऐसे में ऐसी पॉलिसी लेनी चाहिए जो कम समय में वेटिंग पीरियड अवधि की हो। अगर वेटिंग पीरियड से पहले बीमार पड़ गए तो क्लेम में दिग्गत आती है।
नियम और शर्तें
किसी भी पॉलिसी को लेने से पहले इसकी शर्तें और नियमों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो लोग नियम और शर्तों पर ध्यान नहीं देते है तो आगे चलकर परेशानी आती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंश्योरेंस के लिए सही राशि का भी चयन करना चाहिए। पॉलिसी में परिवार के सदस्यों को जोड़ना चाहिए।