ये भी पढ़े:- NFO कम रिस्क में मिलेगा ज्यादा मुनाफा, इस स्कीम में 2 दिसंबर तक है निवेश का मौका सेक्शन 80C में निवेश करें (Income Tax)
इनकम टैक्स (Income Tax) बचाने का सबसे लोकप्रिय और उपयोगी तरीका सेक्शन 80C के तहत निवेश करना है। इस सेक्शन के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (LIC), टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य निवेश योजनाएं शामिल हैं। ये न केवल टैक्स बचाते हैं बल्कि लंबे समय में सुरक्षित रिटर्न भी प्रदान करते हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश
NPS एक बेहतरीन विकल्प है, जहां आप न केवल अपने भविष्य के लिए बचत कर सकते हैं बल्कि अतिरिक्त टैक्स छूट का भी लाभ ले सकते हैं। सेक्शन 80CCD(1B) के तहत NPS में 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट का प्रावधान है।
सेक्शन 80CCD(2) में टैक्स छूट
अगर आप सैलरीड व्यक्ति हैं, तो आपके एम्प्लॉयर द्वारा नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में योगदान पर भी टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है। यह छूट आपकी कुल सैलरी के 10% तक सीमित होती है और यह आपके टैक्स बचत में बड़ा योगदान दे सकती है।
होम लोन पर ब्याज की छूट (सेक्शन 24B)
अगर आपने घर खरीदा है या खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ सेक्शन 24B के तहत लिया जा सकता है। होम लोन के ब्याज पर अधिकतम 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। यह तरीका आपके टैक्स बोझ को कम करने के साथ-साथ संपत्ति खरीदने का अवसर भी देता है।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट (सेक्शन 80D)
स्वास्थ्य बीमा आज के समय की जरूरत है। हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भुगतान कर आप सेक्शन 80D के तहत टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा के लिए 25,000 रुपये तक और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये तक की छूट का प्रावधान है।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए छूट (सेक्शन 80U)
अगर आप या आपके परिवार में कोई दिव्यांग व्यक्ति है, तो आप सेक्शन 80U के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह छूट 40% से 80% दिव्यांगता के आधार पर मिलती है और इसके तहत अधिकतम 1.25 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है। ये भी पढ़े:- FD में निवेश का सही तरीका, ₹5 लाख लगाइए और पाएं ₹15.24 लाख का रिटर्न चैरिटी से टैक्स छूट (सेक्शन 80G)
सेक्शन 80G के तहत चैरिटी या दान करने पर भी टैक्स (Income Tax) छूट का प्रावधान है। अगर आप किसी रजिस्टर्ड चैरिटेबल ट्रस्ट या फंड में योगदान करते हैं, तो आप अपनी टैक्सेबल इनकम पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे करें सही प्लानिंग?
इन सभी विकल्पों का उपयोग करते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि आपकी प्राथमिकता सिर्फ टैक्स बचाना नहीं, बल्कि अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करना भी होनी चाहिए। एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से सलाह लेकर अपनी इनकम और खर्च के अनुसार निवेश योजनाओं का चयन करें।