दरअसल, इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम (ASSOCHAM) ने सरकार से मांग की है कि वह अगले बजट में इनकम टैक्समें छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर दे। एसोचैम ने कहा है कि अगर टैक्स में छूट की लिमिट को वर्तमान के 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया जाता तो मांग में तेजी आएगी। इसके पीछे का तर्क देते हुए एसोचैम ने कहा कि सरकार इनकंम टैक्स स्लैब में अपडेट लाती है तो उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक आय बनी रहेगी और अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा मिलेगा।
2.5 लाख रुपये की आय पर टैक्स नहीं लगेगा, यह छूट पहले से थी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर भी पहले की तरह 5 फीसदी टैक्स लगेगा। 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है
लोग इनकम टैक्स दो स्लैब के हिसाब से भर सकते हैं। इनमें एक ओल्ड टैक्स रेजीम (Old Tax Regime) शामिल तो वहीं दूसरी न्यू टैक्स रेजीम (New Tax Regime) भी है। न्यू टैक्स रेजीम दरों में उम्र के आधार पर अंतर नहीं किया गया है। हालांकि, ओल्ड टैक्स रेजीम के तहत वरिष्ठ नागरिकों जिनकी उम्र 60 से 80 वर्ष तक की है। ऐसे लोगों के लिए 3 लाख रुपये सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं अगर अति वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 80 साल से अधिक है। उनके लिए सालाना 5 लाख रुपये की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
बता दें, बजट 2020 में केंद्रीय वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था पेश की थी, जिसमें व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवार ( HUF) के लिए विभिन्न वर्गों के तहत कटौती का दावा किए बिना कम दरों पर कर का भुगतान करने का विकल्प है। ओल्ड टैक्स रेजीम औरन्यू टैक्स रेजीम में टैक्स की दरें अलग-अलग है। हालांकि अगर किसी टैक्सपेयर की उम्र 60 साल से कम है तो उसे सालाना 2.5 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
वित्त मंत्रालय ने इस बार इनकम टैक्स की दरों में बड़ा बदलाव करते हुए मध्य आय वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। हालांकि, यह ध्यान रखना होगा कि आयकर की नई दरों का फायदा आपको तभी मिलेगा, जब आप किसी तरह के डिडक्शन और टैक्स छूट का फायदा नहीं लेंगे। जो टैक्सपेयर डिडक्शन और टैक्स छूट का लाभ चाहते हैं वे टैक्स की पुरानी व्यवस्था यानी की ओल्ड टैक्स रेजीम में बने रह सकते हैं।