आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस बार पीपीएफ, जीपीएफ और पोस्ट ऑफिस की कुछ योजनाओं के ब्याज दरों में संशोधन हो सकता है। इसका असर आपकी आय पर होगा। यदि ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो कमाई बढ़ेगी और दरें घटती हैं, तो कमाई घटेगी। हालांकि, ऐसा भी हो सकता है कि ब्याज दरों को वही रखा जाए, क्योंकि पिछली तिमाही में यानी 30 जून तक छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया था। अब उपभोक्ताओं की निगाहें जुलाई से सितंबर की तिमाही पर टिकी हैं।
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आंकड़ों के मुताबिक, लगातार पांच तिमाही से पोस्ट ऑफिस की कई बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को वही रखा गया। पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी बचत योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हें पुराने ब्याज दरों पर ही रखा गया था। निवेशक उम्मीद जता रहे हैं कि इस बार कमाई बढ़ सकती है और संभवत: इसके लिए सरकार ब्याज दरें बढ़ा सकती है।
पिछली तिमाही के मुताबिक इस समय जो ब्याज दरें लागू हैं उनमें पीपीएफ पर 7.10, एनएससी पर 6.8 प्रतिशत और पोस्ट ऑफिस मंथली सेविंग स्कीम पर 6.6 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। वहीं, पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट पर चार प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। हालांकि, इसका ब्याज प्रत्येक साल पर जुड़ता है।
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इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6 प्रतिशत ब्याज है और यह प्रत्येक वर्ष में जुड़ता है। किसान विकास पत्र जो दस साल चार महीने में मैच्योर होता है, उस पर 6.9 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है। पांच साल के नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट यानी एनएससी पर 6.8 प्रतिशत की दर से ब्याज है और यह भी वर्ष में एक बार जुड़ता है।