टमाटर, अदरक, पालक सब 100 पार… हरी सब्जियों के दामों ने पकड़ी रफ्तार
लगातार बढ़ रही है अदरक की कीमतें
जयपुर फल व सब्जी थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि लहसून व अदरक की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। अदरक का स्टॉक भी नहीं कर सकते हैं। जनवरी से अप्रेल तक अदरक का सीजन होता है, इस दौरान बाजार में सबसे ज्यादा आवक होती है। किसान अगस्त और सितंबर में अदरक की बुवाई करते हैं। नई फसल की आपूर्ति जनवरी से शुरू होती है। ऐसे में कीमतों में गिरावट की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
काजू कारखानों में शट डाउन, अधिक उत्पादन से दामों में भारी गिरावट
मंहगाई कम होनी चाहिए
सब्जी कारोबारी महेश का कहना है कि हर सब्जी के दाम में वृद्धि हुई है। चाहे टमाटर हो या फिर अदरक या फिर पालक। इसका कारण अलग-अलग स्थानों पर हो रही बरसात है और अधिकांश सब्जियां वर्तमान में बाहर से ही आ रही है, जिस कारण से महंगाई ज्यादा है। दुकान पर ग्राहक काम आ रहे है, जिससे बिक्री प्रभावित हो रही है।
1 जुलाई से कई बदलाव, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
2008 में थे अदरक के सबसे ज्यादा दाम
2008 और 2009 में अदरक के दाम सबसे ज्यादा बढ़े थे। उस दौरान एक किलो अदरक का थोक दाम 150 से 200 रुपए प्रति किलो था, लेकिन पिछले साल अदरक की खपत अधिक नहीं होने से इस बार किसानों ने अदरक की फसल ज्यादा नहीं लगाई। नतीजतन, अदरक की आपूर्ति कम होने से इसके दाम आसमान छूने लगे हैं। मंडी में अदरक का भाव 300 रुपए के पार हो चुका है। खुले बाजार में अदरक बहुत महंगे दाम पर बिक रही है। वहीं, हरी सब्जियों के दाम में भी उछाल आया है।