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कोरोना की दूसरी लहर के चलते कमजोर हो सकता है देश का आर्थिक सुधार

– मूडीज का अनुमान: कोविड की दूसरी लहर खतरनाक, अर्थव्यवस्था को लग सकता है गहरा धक्का

Apr 14, 2021 / 03:41 pm

विकास गुप्ता

कोरोना की दूसरी लहर के चलते कमजोर हो सकता है देश का आर्थिक सुधार

कोरोना की दूसरी लहर के चलते कमजोर हो सकता है देश का आर्थिक सुधार

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में आर्थिक सुधार की गति को लेकर चिंता बढ़ी है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर वित्त वर्ष 22 के लिए 13.7 फीसदी के ग्रोथ पूर्वानुमान के लिए जोखिम पैदा करती है, क्योंकि वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उपायों को फिर से लागू करने से आर्थिक गतिविधि पर अंकुश लगेगा और बाजार व कंज्यूमर सेंटीमेंट्स को धक्का लग सकता है। मूडीज ने कहा कि दूसरी लहर को रोकने के लिए अप्रेल अंत तक उठाए गए कदम आर्थिक सुधार को कमजोर कर सकते हैं।

बेरोजगारी दर 8.6 प्रतिशत पर पहुंची-
कोरोना की दूसरी लहर के चलते दोबारा लोगों की जॉब पर खतरा मंडराने लगा है। हर किसी को छंटनी का डर सता रहा है। इस बात की पुष्टि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) द्वारा तैयार किए गए रोजगार के नए आंकड़ों से भी हो रही है। इसके मुताबिक, देश में 11 अप्रेल को समाप्त हफ्ते में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

रोकने के लिए उठाए गए कई कदम-
हालांकि रोकथाम के उपायों और टीकाकरण में प्रगति से क्रेडिट-निगेटिव प्रभाव को कम करेगी। महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों ने नाइट कफ्र्यू, पार्शियल लॉकडाउन और काम के घंटों में कटौती की है। मार्च में विनिर्माण और सेवा दोनों पीएमआइ में गिरावट आई, जो शुरुआती प्रभाव को दर्शाती है।

आइएमएफ का भरोसा अभी भी बरकरार-
इंटरनेशनल मॉटिनरिंग फंड (आइएमएफ) ने ग्रोथ पर भरोसा जताते हुए वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी को 11.5 फीसदी से अपग्रेड कर 12.5 फीसदी कर दिया है। हालांकि उसने आगाह किया कि देश में चल रही कोविड की दूसरी लहर से उत्पन्न होने वाले गंभीर नकारात्मक जोखिमों के बारे में पूर्वानुमान नहीं लगाया गया है।

आर्थिक गतिविधि पर लगेगा अंकुश-
12.5 प्रतिशत कर दिया है आइएमएफ ने जीडीपी अनुमान
13.7 प्रतिशत ग्रोथ पूर्वानुमान के लिए जोखिम हो रहा पैदा
11.5 प्रतिशत थी आइएमएफ की इससे पहले जीडीपी ग्रोथ
8.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है बेरोजगारी दर बढ़कर

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