सोने का गिरता आकर्षण (Cryptocurrency Trump)
सोना निवेशकों की पहली पसंद रहा है। इसे “सेफ एसेट” के रूप में देखा जाता है, जो संकट के समय एक भरोसेमंद विकल्प बनता है। भारत और चीन जैसे कई देश अपने सोने के भंडार को बढ़ा रहे हैं। भारतीय बाजार में भी सोने का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से काफी अधिक है। हालांकि, पिछले कुछ समय से सोने की कीमत में अस्थिरता देखने को मिल रही है।डॉलर का प्रभाव
डॉलर को वैश्विक व्यापार की मुद्रा माना जाता है। ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल में डॉलर को मजबूत करने की दिशा में सफल रहे थे। इस बार भी उनकी प्राथमिकता डॉलर की मजबूती होगी। डॉलर की मजबूती का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है। जब डॉलर महंगा होता है, तो सोने की कीमत गिरने लगती हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही डॉलर ने कई देशों की मुद्राओं के मुकाबले मजबूती हासिल कर ली है। भारत में भी इसका असर दिखा है। पिछले महीने जहां धनतेरस पर सोने की कीमत ₹80,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी, वहीं अब यह ₹70,000 के करीब आ गई है।cryptocurrency का उभार
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के राष्ट्रपति बनने के बाद क्रिप्टोकरेंसी बाजार (Cryptocurrency Trump) में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। एक महीने के भीतर बिटकॉइन की कीमत $1,00,000 के आंकड़े को पार कर गई है। अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे डॉगकॉन और एथेरियम ने भी निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दिया है।मूल्य वृद्धि के पीछे कारण
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Trump) में हो रहे इस उछाल का सबसे बड़ा कारण ट्रंप का इसके प्रति सकारात्मक रुख है। उनके समर्थक और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Trump) के प्रबल पक्षधर हैं। मस्क ने इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप (Trump) का समर्थन किया और अब उन्हें सरकारी दक्षता विभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, ट्रंप ने कॉमर्स सेक्रेटरी के रूप में हॉवर्ड लुटनिक को चुना है, जो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Trump) के बड़े समर्थक हैं। साथ ही, यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के प्रमुख के लिए पॉल एटकिंस का नाम प्रस्तावित किया गया है। एटकिंस का क्रिप्टोकरेंसी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है और वे इसे बढ़ावा देने के पक्षधर हैं।क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती मांग
दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। संस्थागत निवेश: कई बड़े निवेशक बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भारी निवेश कर रहे हैं।कानूनी मुद्रा: अल साल्वाडोर जैसे देशों ने बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा का दर्जा दिया है।
कॉर्पोरेट भागीदारी: Amazon जैसी कंपनियों के शेयरधारकों ने बिटकॉइन को अपनाने की वकालत की है।
क्या करेंगे ट्रंप?
ट्रंप के चुनावी वादों और मौजूदा संकेतों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि वे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Trump) को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा सकते हैं। हालांकि, इसका अंतिम निर्णय राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ही लिया जाएगा।सोने की चमक क्यों होगी फीकी?
डॉलर की मजबूती: ट्रंप के शासन में डॉलर को मजबूत बनाने की नीति सोने की कीमतों में गिरावट लाएगी।क्रिप्टोकरेंसी का आकर्षण: निवेशक अब सोने की बजाय क्रिप्टोकरेंसी जैसे विकल्पों में रुचि दिखा रहे हैं।
वैश्विक रुझान: दुनियाभर में डिजिटल मुद्राओं का चलन बढ़ रहा है, जो सोने की मांग को कम कर सकता है।