यह भी पढ़ें – Budget 2022: विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा भारत, जानिए राष्ट्रपति के अभिभाषण की 10 बड़ी बातें वित्त मंत्री ने कहा कि, कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां काफी बढ़ गई थीं। भारतीय अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान गति प्राप्त की है। धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो रही हैं। उन्होंने कहा, वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में एक साल पहले की तुलना में 8.4% की वृद्धि हुई, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज दरों में से एक है। हालांकि, भारत के सांख्यिकी मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर केवल 9.2% रहने का अनुमान लगाया है। 2020 में कोविड महामारी के प्रकोप से पहले संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में 6-6.5% के प्रक्षेपण के मुकाबले 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.3% की कमी आई थी।
बता दें कि यह देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर का पहला इकोनॉमिक सर्वे है। उन्होंने हाल में अपना पदभार संभाला है। आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार करने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स (DEA) के इकनॉमिक डिविजन की होती है।
इस काम को मुख्य आर्थिक सलाहकार के सीधे निर्देशन में पूरा किया जाता है। बजट से पहले पेश होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार करना ही सीईए की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है। हालांकि इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार की नियुक्त कुछ दिनों पहले ही हुई है।
यह भी पढ़ें – Budget 2022 कोरोना काल में दूसरी बार बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, जानिए तारीख और समय