क्या हुआ सस्ता क्या हुआ महंगा इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर हटा दिया गया
कई दरों से इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर हटा दिया गया है। साथ ही पहले से दी जा रही वस्तुओं पर छूट को भी खत्म कर दिया गया है। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक नई व्यवस्था में अब प्रिंट्रिंग, ड्रॉइंग और लिखने वाली स्याही पर 12 की जगह 18 फीसदी, ब्लेड वाले चाकू, कागज वाले चाकू, पेंसिल शार्पनर, चाकू, कांटे जैसी चीजों पर भी दरें 12 के बजाए 18 फीसदी हो गई हैं।
एलईडी उत्पाद हुए महंगे एलईडी लैंप और उनसे जुड़े धातु मुद्रित सर्किट बोर्ड और अन्य उपकरणों पर भी नई व्यवस्था में दरें 12 फीसदी के बजाए 18 फीसदी हो गई हैं। सोलर वॉटर हीटर और सिस्टम पर जीएसटी युक्तिसंगत किए जाने के बाद पांच फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगा।
कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रेक्ट होंगे महंगे
सेवाओं की बात की जाए तो सड़कों, पुलों, रेलवे, मेट्रो, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, श्मशान आदि के लिए कार्य अनुबंधों पर जीएसटी 12 से बढ़कर 18 फीसदी हो जाएगा। इसके अलावा चेकबुक पर शून्य के मुकाबले 18 फीसदी, दीवार वाले नक्शों, एटलस ग्लोब इत्यादि पर शून्य के मुकाबले 12 फीसदी जीएसटी लगा करेगा। खाद्य तेल और कोयला पर आईटीसी रिफंड नहीं मिलेगा।
गैर ब्रांडेड चीजों पर टैक्स की सिफारिश साथ ही बिना ब्रांड वाले खाने के आइटम और अनाजों पर अब तक जीएसटी नहीं लगाया जाता था लेकिन अब इन पर संशोधन किया गया है। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक प्री-पैक, प्री-लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित चीजों को लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक से छूट के दायरे को संशोधित करने की सिफारिश की गई है। सरकार की तरफ से इन चीजों से जुड़े नोटिफिकेशन जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे।
फर्जीवाड़ा करने वालों पर नकेल कसने का फैसला जीएसटी काउंसिल में ऐसी व्यवस्था बनाने पर फैसला लिया गया है कि जिन लोगों ऊपर फर्जीवाड़ा करने की आशंका है उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान ही पकड़ा जा सकेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इसके लिए तकनीकी व्यवस्था तैयार की जाएगी जो आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित होगी।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बताया है कि इस बारे में गुजरात में कुछ पायलट प्रोजेक्ट चलाए गए हैं। उनके नतीजों के आधार पर पूरे देश में जीएसटीएन सिस्टम तैयार करेगा। 4-6 महीने में इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो लोग नया रजिस्ट्रेशन करेंगे उनकी पुरानी गतिविधियों जैसे बिजली बिल पेमेंट, दूसरे राज्यों में कारोबार के दौरान जीएसटी पेमेंट जैसी चीजों के जरिए ये पता लगाया जाएगा कि कहीं भविष्य में धोखाधड़ी को अंजाम तो नहीं दे सकता है।
आशंका सही साबित होने पर उन पर एक्शन लिया जा सकेगा। जीएसटी पर आईटी मामलों के मंत्रियों के समूह ने इस बात की सिफारिश की है। चंडीगढ़ में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में उन्हीं सिफारिशों के आधार पर फैसला लिया गया है।
कारोबारियों को राहत जीएसटी काउंसिल की बैठक में कारोबारियों को वित्तवर्ष 2021-22 के लिए जीएसटीआर – 4 पर लेट फीस से राहत दे दी गई है। साथ ही पहली तिमाही के लिए रिटर्न भरने की तारीख भी बढ़ा दी गई है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीएसटीआर – 4 फॉर्म भरने के लिए तारीख 28 जुलाई 2022 तक बढ़ा दी गई है। ये तारीख 30 जून तक के लिए बढ़ाई गई थी।
साथ ही पहली तिमाही जीएसटी कंपोजीशन -08 फॉर्म भरने के लिए अंतिम तारीख भी 18 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई 2022 तक के लिए बढ़ा दी गी है। काउंसिल ने जीएसटी नेटवर्क से कंपोजीशन करदाताओं के इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में निगेटिव बैलेंस की समस्या का भी तुरंत समाधान करने की हिदायत दी है। इसके अलावा काउंसिल ने राज्यों की तरफ से जीएसटी ट्रिब्युनल बनाने के मुद्दे को लेकर मंत्रियों का समूह गठित करने का फैसला किया है।