मिल में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का लाभ लेनेवाले कर्मचारियों को 2007 से लंबित वेतनमान के ऐवज में 50 फीसदी अतिरिक्त राशि का लाभ दिया जा चुका है। अब यहां केवल 140 कर्मचारी बचे हैं जिन्हें लंबित 2007, 2017 का वेतन पुर्ननिर्धारण का लाभ देने की मांग की जा रही है।
नेपा मिल्स श्रमिक संघ और आवास संगठन की ओर से केंद्रीय मंत्रियों को सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया। इसमें प्रमुख रूप से नेपा लिमिटेड में बचे कर्मचारियों का पिछले 27 साल से लंबित 2007, 2017 का वेतन पुर्ननिर्धारण करने और नवनिर्मित मशीनों से उत्पादन जारी रखने के लिए कार्यशील पूंजी के रूप में 150 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने की मांग की है।
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नेपा मिल्स श्रमिक संघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में लिखा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों, केद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में 2007 और 2017 का पे रिवीजन लागू किया जा चुका है। दूसरी ओर नेपा मिल नेपानगर के कर्मचारी दो-दो वेतनमानों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। श्रमिक संघ के अध्यक्ष अध्यक्ष देवीदास लोखंडे, सचिव संजय कुमार पवार, प्रधान सचिव रविशंकर पवार आदि ने यह परेशानी तुरंत खत्म करने की मांग की।
सबसे खास बात यह है कि जिन कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का लाभ लिया, उन्हें 2007 से लंबित वेतनमान के बदले में 50 प्रतिशत अतिरिक्त राशि का लाभ दिया गया है। 2012 से 2019 के दौरान के कर्मचारियों को लाभान्वित किया गया।
पदाधिकारियों के मुताबिक वैश्विक बीमारी कोविड 19 के खतरनाक दौर में भी कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आरएमडीपी के कामों को बाधित किए बिना काम किया। हमने अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता किए बिना काम किया, लेकिन फिर भी वेतनमान से वंचित रखा गया।