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इस बात पर हुई एक साल की सजा और 1500 जुर्माना
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अनिल सिंह बघेल के अनुसार, बकरी की हत्या से जुड़ा ये मामला 2 दिसंबर 2016 का था। दोपहर करीब 2 बजे गांव में बसंता की बकरी तनमन के खेत के रास्ते से निकल रही थी। इस दौरान तनमन ने बकरी को पत्थर मार दिया था। पत्थर की चोट लगने पर बकरी की मौके पर ही मौत हो गई था। बकरी गगांव के ही रहने वाले बसंता नामक ग्रामीण की थी, जिसने शुरुआत में बकरी के नुकसान स्वरूप तनमन से 4 हजार रुपये की मांग की थी। लेकिन, तनमन ने उसे नजरअंदाज करते हुए वहां से भगा दिया। इसपर बसंता ने पुलिस में तनमन के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था।
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45 महीने बाद बसंता को मिला इंसाफ
मामला पुलिस के समक्ष जाने के बाद बकरी का पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें चोट लगने से बकरी की मौत की पुष्टि हो गई। उइसके अलावा, पुलिस जांच में गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, मौके का मुआयना किया गया। घटना के चार दिन बाद तनमन के खिलाफ 6 दिसंबर 2017 को पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। 45 महीनों तक सुनवाई चलने के बाद तनमन दोषी करार दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने तनमन को 1500 रुपये जुर्माने के साथ साथ एक साल कैद की सजा सुनाई है।
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