जानकारी अनुसार शनिवार को तालाब गांव में सीबीआई के अधिकारियों द्वारा बजरी के मामले को लेकर दी गई दस्तक के बाद यहां पर बजरी माफिया व अधिकारियों में हडक़ंप मच गया है। वहीं गत 3 वर्ष से बसोली मोड़ पर राष्ट्रीय राजमार्ग 52 एवं 148 डी दोनों स्थानों पर एक संवेदक द्वारा बजरी का नाका लगा रखा था।
संवेदक के दो दर्जन से अधिक युवा यहां से बजरी से भरी प्रत्येक गाड़ी को चेक कर यहां से भिजवाते थे, लेकिन रविवार सुबह देखा तो नाका पूरी तरह हटा दिया गया है।यहां पर बन रहे क्वार्टर से चददर तक हटा दिए हैं, जिससे करीब पांच दर्जन से अधिक युवा भी बेरोजगार हो गए हैं। भीलवाड़ा जिले के टीकड के पास लगा लंबे समय से बजरी नाका भी गत दिनों हटा लिया गया है।
कुछ दिन पूर्व दर्जनों वाहन आते थे बजरी के अब रह गए गिनती के तालाब गांव निवासी जब्बार प्रकरण के बाद बजरी माफिया में ऐसा हडक़ंप मच गया। सीबीआई की आहट आने के बाद सब माफिया भूमिगत हो गए हैं। नाके पर कार्यरत लोगों का कहना था कि कुछ समय पहले बसोली मोड पर स्थित नाके पर 300 से 400 डंपर, ट्रेलर व ट्रक बजरी से भरे निकलते थे, लेकिन रविवार को इन दोनों मार्गो ंं पर गिनती के वाहन बजरी से भरे निकल रहे हैं। उनका कहना है कि अवैध बजरी पर लगाम लगी हुई है। कुछ लोग सवाई माधोपुर के रास्ते से बजरी का व्यापार कर रहे हैं।
नदी क्षेत्र में जाए सीबीआई, वहां मिलेंगे क्लू
सीबीआई तालाब गांव आने के साथ-साथ बनास व चंबल नदी के क्षेत्र में भी जाकर जांच करें, ताकि वहां पर हो रहे अवैध खनन की पोल नजर आएगी। सूत्रों का कहना है कि नदी में जाने के बाद कितनी मात्रा में अवैध खनन हो रहा है, इसकी वस्तु स्थिति का पता लगेगा।