कस्बे से थाना करीब 2 किलोमीटर दूर होने के कारण यहां पर आए दिन शराबियों का उत्पात और झगड़ा होने से तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने हिण्डोली आने पर पुराने थाना भवन में पुलिस चौकी खोलने के निर्देश दिए थे, जिस पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा यहां पर एक एएसआई व चार जवानों के साथ पुलिस चौकी खोलने के निर्देश दिए थे।उसके दूसरे दिन यहां पर पुलिस चौकी स्थापित हो गई थी, वापस पुलिस चौकी बंद हो गई थी।
थाना परिसर के आसपास के लोगों की माने तो पुराने थाने में कबाड़ व कुछ सामान रखे थे। बरसों से थाने के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा हुआ है। एवं खंडहर में तब्दील हो रहा है।लोगों का कहना है कि यहां पर रखा कबाड़ सुरक्षित है या नहीं। इसे देखने पर ही पता लग सकता है।
कस्बे के बीचो-बीच होने के कारण यहां पर ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने पुराने थाने के कक्ष ठीक करा कर उनका कार्यालय बनाया गया था, लेकिन वो भी कुछ समय ही चला। अब भवन खंडहर में तब्दील हो गया है।