शोभायात्रा मंदिर परिसर से शुरू हुई जो मुय बाजार से होती हुई बस स्टैंड पर होते हुए वापस मंदिर परिसर में पहुंची। शोभा यात्रा के दौरान समाज की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सज धज कर नृत्य करती हुई चल रही थी। इस दौरान समाज के लोगों ने घोड़ी से करतब दिखाए। शोभा यात्रा के बाद सामूहिक विवाह समेलन के वर वधू ने वरमाला डाली। इसके बाद वर वधू ने अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लिए। रात को मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन किया गया आयोजन में तीन दर्जन से अधिक गांव के लोगों ने भाग लिया।