नहीं थे सुरक्षा के उपाए
चुनरी उत्सव के दौरान चंबल नदी में नाविकों ने केशव घाट से रंगपुर घाट तक रस्सी के सहारे डेढ दर्जन नावों को चंबल में रोक रखा था। इन नाविकों के पास सुरक्षा के उचित संसाधन एवं सुरक्षा जैकेट भी नहीं थी। अचानक रस्सी टूटने से नाव तेज बहाव में बहने लग गई। एक नाव तो बहकर बीच मझधार से नीचे की ओर जाने लगी। उसे नाव के श्रद्धालुओं को पहले ही बोट से निकाल लिया था।
अधिकारी नदारद
चंबल नदी में एक बड़ा हादसा होते होते बच गया, वहीं प्रशासन बेखबर था, जिस समय उत्सव चल रहा था उसे समय वहां पुलिस थी, लेकिन शाम को 5:30 बजे रस्सा टूटने के बाद वह भी गायब हो गई। प्रशासनिक अधिकारी तो कोई मौजूद ही नहीं था। तेज गति से पानी आने के बाद भी चंबल नदी के किनारे उत्सव को देखने के लिए लोग जमे रहे।