इधर,मानसून की पहली बारिश होने से किसानों खेतों में हंकाई-जुताई के काम में जुट जाएंगे। धान लगाने वालें किसानों को फायदा मिलेगा। धान की रौपाई में तेजी आएगी। वहीं अन्य खरीफ की फसलों की बुवाई का कार्य शुरू हो जाएगा। गुरुवार सुबह आठ बजे तक बीते 24 घंटे में 136 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसमें सबसे ज्यादा बूंदी में 43 एमएम व सबसे कम हिंडोली में 2 एमएम बारिश दर्ज की गई। गुरुवार को रात साढ़े नौ बजे फिर से बादल घिर आए और करीब एक घंटे के अधिक तक मध्यम दर्जे की बरसात हुई।
राहत की सांस ली
जिले में मानसून की पहली बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली। लंबे इंतजार के बाद बारिश ने आमजन को सराबोर कर दिया। इससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। लोग बारिश आने के बाद झूम उठे। मौसम कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 136 एमएम बारिश दर्ज की गई। जिसके अनुसार बूंदी में 43 एमएम,तालेड़ा में 34, के.पाटन में 35, इंद्रगढ़ में 5, नैनवां में 17 व हिण्डोली में 2 एमएम बारिश दर्ज की गई।
लोगों को करना पड़ा आफत का सामना
बुधवार को अचानक आई बरसात से शहर में जगह-जगह गली मोहल्लों में बरसाती पानी भर जाने से आफत का सामना करना पड़ा। शहर की कई कॉलोनी, सड़कें जलमग्न हो गई। कई दुकानों के साथ घरों में पानी प्रवेश कर गया। दुकानों में पानी आ जाने से किराने का सामान भीग गया। वहीं लंकागेट रोड स्थित हनुमान धर्मशाला मंदिर पानी-पानी हो गया। नाले का गंदा पानी भर गया। वहीं शहर में कई दिनों से उमस गर्मी व धूप से परेशान लोगों ने राहत की सांस ली। तेज गर्मी के दौरान लोग दोपहर को घरों से कम ही निकल रहे थे,जरूरी होने पर चेहरे पर कपड़ा ढ़क्कर निकल रहे थे। वहीं मानसूनी बरसात आने से लोगों ने राहत की सांस ली।
उफनी नमाना नदी, एनिकट पर चली चादर
नमाना सहित आस पास के क्षेत्र में बुधवार रात को जोरदार बरसात होने से नमाना नदी उफान पर आ गई। पानी की आवक अधिक होने से एनिकट पर दो फीट चादर शुरू हो गई। रात को नमाना व गरडदा क्षेत्र में जोरदार बरसात हुई है। जिससे नमाना घोड़ा पछाड़ नदी में पानी आ गया। बरसात से पहले नदी में पानी नहीं था। बरसात होने से किसान भी बुआई करने की तैयारी में लग गए है। देई कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को बरसात हुई। शाम पांच बजे बाद करीब बीस मिनट बरसात हुई। जिससे सड़कों पर पानी बह निकला। दिनभर तेज गर्मी व उमस के बाद बरसात हुई।
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