नगर पालिका की ओर से बनाए गए नाले की जांच करवाने के लिए सभी से गुहार लगाई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अभिभाषक परिषद ने जिला कलक्टर, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार को शिकायत कर जांच की मांग की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। न्यायिक अधिकारियों ने भी मौका देख कर नगर पालिका प्रशासन को लताड़ पिलाई, लेकिन उनकी चेतावनी भी कारगर साबित नहीं हुई। चेतावनी के बाद नगर पालिका प्रशासन ने आनन-फानन में अच्छे नाले को जेसीबी से खुदवा कर पानी निकासी का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
बायीं मुख्य नहर के नाले से लेकर तीन संया नाल तक ड्रेन में सीपेज का पानी लबालब भर जाने से अब यह पानी नाले में भर कर आसपास फैल गया। पहले बारिश का पानी समस्या था, अब नहरी सीपेज का पानी समस्या बन गया । नाले के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी जिमेदारों ने आंखें मूंद रखी है। नाला बनाने में बरती गई लापरवाही पर भी जांच नहीं बैठाई गई, जिससे सरकार का लाखों रुपए खर्च करना भी राहत नहीं मिल पा रहा है।
न्यायालय और तहसील परिसर के बीच का नाला सभी के लिए समस्या का कारण है। इस बारे में सभी जिमेदार लोगों व अधिकारियों को शिकायत की, लेकिन किसी ने भी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। इसकी जांच एवं पानी की निकासी की मांग को लेकर जिला कलेक्टर से लेकर सभी को शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कतई ध्यान नहीं दिया।
जनक राज मीणा अध्यक्ष, अभिभाषक परिषद केशवरायपाटन