किसानों को यों मिलेगा लाभ
योजना में डार्क जोन या ब्लेक जोन क्षेत्र में पहले से स्थापित डीजल पम्पसेट से सिंचाई करने वाले किसानों को लाभान्वित किया जा सकेगा। किसान कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, स्प्रिंकलर संयंत्र आवश्यक रूप से काम में लिया जाना चाहिए। इस योजना में यथासंभव लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन किसानों के पास कृषि विद्युत कनेक्शन है या सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र परियोजना के तहत अनुदान प्राप्त कर लिया, उन किसानों को योजना से लाभान्वित नहीं किया जाएगा।
भू-स्वामित्व होना जरूरी
किसान के पास 3 एचपी के लिए 0.4 हैक्टयेर, 5 एचपी के लिए 0.75 हैक्टयेर एवं 7.5 एचपी के लिए 1.0 हैक्टयेर का भू-स्वामित्व होना जरूरी। योजना के तहत बूंदी जिले में ***** सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य मिला। उद्यानिकी विभाग के पास अब तक लक्ष्य से अधिक करीब 1300 आवेदन ऑनलाइन आ गए।
कुसुम योजना का उद्देश्य
भारत में किसानों को सिंचाई में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है और अधिक या कम बारिश की वजह से किसानों की फसलें खराब हो जाती है। कुसुम योजना के जरिए किसान अपनी खुद की स्वामित्व की जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं।
‘उद्यानिकी आयुक्तालय की ओर से जिले में ***** सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य मिला है। लक्ष्य के अनुसार संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। जबकि गत वर्ष से इस वर्ष अधिक लक्ष्य प्राप्त हुए। जिससे जिले के किसानों को अधिक लाभ मिलेगा’।
मुरारीलाल बैरवा, सहायक कृषि अधिकारी, उद्यानिकी विभाग, बूंदी
फैक्ट फाइल
श्रेणी लक्ष्य
सामान्य वग 500
अनुसूचित जनजाति 206
अनुसूचित जाति 80
कुल *****