इसके तहत सोमवार दोपहर को चार भाईयो के सम्मिलित मकान को उनकी सहमति से ध्वस्त किया गया। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के सहायक वन संरक्षक हरि सिंह हाड़ा, क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेंद्र सिंह, खटकड़ वनपाल नाका प्रभारी रतिराम जाट, हल्का पटवारी किशन लाल सैनी मय सुरक्षा जाप्ता गुलखेडी गांव पहुंचे।
ग्रामीणों से अंतिम किश्त के लिए मकान ध्वस्त करने की सहमति जानी। इस पर घनश्याम, प्रहलाद, बरधी लाल, महावीर पुत्र श्योजीनाथ ने सहमति दी। बाद में उनका मकान जेसीबी से ध्वस्त किया गया। मकान में घनश्याम नाथ रहता था और तीन भाई बाहर दूसरे गांव में रहते हैं।
घनश्याम महादेव की सेवा पूजा करता है। मकान ध्वस्त होने के बाद महादेव का मंदिर ही उसका सहारा है। सहायक वन संरक्षक हरि सिंह हाड़ा ने इस संबंध में बताया कि विस्थापित किए जाने वाले परिवारों को पंद्रह लाख का पैकेज दिया जाना है जिसके तहत ग्रामीणों को दो किश्त दी जा चुकी है। तीसरी किस्त साढ़े चार लाख पूर्ण समर्पण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी जाएगी।