क्षेत्र की चीता की झोंपडिय़ा गांव में शनिवार को मुक्तिधाम के रास्ते पर अतिक्रमण के कारण ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए साढ़े पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचने के बाद रास्ते का खुलासा किया। इसके बाद दाह संस्कार हुआ।
बूंदी•Aug 22, 2021 / 07:17 pm•
पंकज जोशी
मुक्तिधाम के रास्ते पर अतिक्रमण, अंतिम संस्कार के लिए किया साढ़े पांच घंटे इंतजार
मुक्तिधाम के रास्ते पर अतिक्रमण, अंतिम संस्कार के लिए किया साढ़े पांच घंटे इंतजार
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर बहाल कराया रास्ता
देई. क्षेत्र की चीता की झोंपडिय़ा गांव में शनिवार को मुक्तिधाम के रास्ते पर अतिक्रमण के कारण ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए साढ़े पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचने के बाद रास्ते का खुलासा किया। इसके बाद दाह संस्कार हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चीता की झोंपडिय़ा गांव के पास बंजारों के झोंपड़ा में 70 वर्ष के हुकमा बंजारा की रात को मौत हो गई थी। सुबह लोग शव को लेकर मुक्तिधाम की ओर निकले, जब रास्ते पर अतिक्रमण मिला तो करीब सात बजे वहीं बैठ गए। सूचना पर मौके पर भू-अभिलेख निरीक्षक बाबूलाल मीणा, पटवारी देवलाल गुर्जर, देई थानाधिकारी शंकरलाल गुर्जर जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे। रास्ते का अतिक्रमण जेसीबी की सहायता से हटाकर रास्ता खुलवाया। इसके बाद साढ़े बारह बजे शव का अंतिम संस्कार किया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि मुक्तिधाम की जमीन के आस-पास की जमीन पर अतिक्रमण कर लेने से मुक्तिधाम के लिए नाममात्र ठोर रह गई। ऐसे में पूरा अतिक्रमण हटे।
इस बारे में भू-अभिलेख निरीक्षक बाबूलाल मीणा ने बताया कि रास्ता बहाल कर खाई डोल लगवा दिया। आगे नियमानुसार कार्रवाई होगी।
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