वर्तमान में जिले में संचालित लगभग 606 पंजीकृत डेयरी का रजिस्ट्रेशन है। उनमें से 490 के करीब वर्तमान में कार्यरत हैं। प्राथमिक दूध उत्पादन सरकारी समिति लिमिटेड जहां से पशुपालकों के दूध को एकत्रित करके आगे सरस डेयरी पर पहुंचाया जाता है। उक्त योजना से पशुपालकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पशुपालन के लिए ऋण प्रदान करने संबल बनाने के उद्देश्य से सरकार ने यह पहल शुरू की है। ऋण का दायरा पशुपालकों के पशुओं के अनुसार होगा साथ ही ऋण चुकाने की अवधि एक वर्ष होगी, जिसमें पशुपालक को बिना ब्याज के ऋण को अदा करना होगा। ऋण देते समय ग्राम सेवा सहकारी समितियां व डेयरी सचिव पशुपालक के बारे में अनुशंषा करने पर ऐसे पशुपालकों को ऋण दिया जाएगा। ऋण देने की अधिकतम सीमा एक लाख रुपए हैं। पशुपालकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार व पशुओं की संख्या के अनुसार ऋण कम भी दिया जा सकता है।
ब्लॉक वार लगेंगे शिविर
गोपालन योजना क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत केशवरायपाटन के ब्लॉक लाखेरी में 30 सितंबर को, तालेड़ा में 1 अक्टूबर को, बूंदी में 4 अक्टूबर को, हिंडोली में 5 अक्टूबर को, दबलाना में 7 अक्टूबर को, देई में 8 अक्टूबर को, नैनवां 9 अक्टूबर को शिविर लगाए जाएंगे। ऐसे में उक्त योजना के तहत ऋण लेने वाले लाभार्थियों को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
राज्य सरकार ने कृषि के साथ-साथ पशुपालन में पशुपालकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोपालक क्रेडिट कार्ड योजना के तहत1लाख तक का ऋण देने की पहल शुरू की है। इसको लेकर ब्लॉक वार शिविर आयोजित करना शुरू कर दिया है। ऑनलाइन आवेदन होने के बाद उन्हें ऋण दिया जाएगा।
मुकेश मोहन गर्ग, प्रबंध निदेशक, केंद्रीय सहकारी बैंक बूंदी