विवेक तिवारी मर्डर केस के मुख्य आरोपी कांस्टेबल प्रशांत चौधरी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, अब आई ये खबर
जब घर का इकलौता कमाने वाला शख्स ही घर से दूर चला जाये तो उस घर की स्थिति क्या होती है। दरअसल प्रशांत के घर में रखा चूल्हा उस वक़्त से सूना है, जबसे घर के मुखिया को विवेक तिवारी हत्याकांड में जेल हुई है। तबसे गांव के लोग भी सदमे में हैं कि गांव का लाल जो जनता की रक्षा के लिए तैनात था। आज उस पर हत्या जैसा संगीन आरोप लगा है। यहां बैठे ग्राम प्रधान व घर के सभी लोग इस विश्वास पर हैं कि योगी सरकार इस हत्याकाण्ड की निष्पक्ष जांच करे, जो आरोपी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। दरअसल, प्रशांत के गांव वालों का कहना है कि वह इस तरह का काम नहीं कर सकता और मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके लिए ग्रामिणों ने सीएम योगी से गुहार लगाई है।
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बता दें कि प्रशांत चौधरी बुलंदशहर के अनूपशहर तहसील के जटपुरा गांव का रहने वाला है। पत्रिका संवाददाता इस मामले की पड़ताल के लिए प्रशांत के गांव पहुंचे और वहां प्रशांत के पिता व ग्रामिणों से बातचीत की। इस दौरान प्रशांत के पिता रविंद्र सिंह ने बताया कि उनके तीन बच्चे, एक बेटी और दो बेटे हैं। प्रशांत सबसे बड़ा लड़का है वह ही घर में कमाने वाला था। जिसे पढ़ा लिखाकर पुलिस में भर्ती कराने के लिए वह बुग्गी चलाकर और भाड़ा ढोकर परिवार चलाते हैं। रविंद्र का कहना है कि उनका बेटा इस तरह का काम नहीं कर सकता और इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
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वहीं प्रशांत चौधरी के क्लासमेट और दोस्त राजा ने बताया कि प्रशांत एक गरीब परिवार से आता है और इंटर तक वह उसके साथ ही पढ़ा है और कड़ी मेहनत के बाद उसे पुलिस में नौकरी मिली। प्रशांत में किसी तरह की कोई गलत आदत नहीं थी और हमें पूरा यकीन है कि जो कुछ भी लखनऊ में हुआ उसमें प्रशांत की गलती नहीं है। वहीं ग्राम प्रधान सोनू चौधरी का कहना है कि प्रशांत एक गरीब परिवार से है और उनका परिवार गांव में काफी शरीफ है। इन लोगों की गांव में अच्छी छवि है प्रशांत भी काफी अच्छा लड़का है। हमें यकीन है कि वह इस तरह का काम नहीं कर सकता। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसमें जरूर कुछ बड़ी बात निकलकर सामने आएगी। हम ग्रामिण सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हैं कि वह प्रशांत के परिवार की तरफ भी ध्यान दे और मामले की जांच कराई जाए। फिर जो भी दोषी हो उसपर कार्रवाई की जाए।