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सिलाई मशीन की मदद से मास्क बना रहे, जिन लोगों की ये तस्वीर आप देख रहे हैं। यह तस्वीर यूपी के बुलंदशहर जिला कारागार की है। दरअसल, बुलंदशहर में कोरोना वायरस संक्रमण के खात्मे की मुहिम में जिला कारागार में बंद कैदी भी शरीक हो गए हैं। बुलंदशहर जिला कारागार में 10 बंदी रोजाना 500 मास्क तैयार कर नज़ीर पेश कर रहे हैं। जेल में तैयार किये गए इन मास्कों को सस्ती दरों पर बाजार में उपलब्ध कराया जा रहा है। खासबात यह है कि जहां बाजार में एक-एक मास्क के लिए मारामारी मची है। वहीं, बंदियों को हाथों तैयार मास्क की कीमत बेहद कम है।
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बुलंदशहर जेल में सुबह से शाम तक मास्क बनाने का काम इन दिनों जोरों पर चल रहा है। इसमें सबसे सराहनीय बात ये है कि देश के सामने खड़ी इस मुश्किल की घड़ी में बंदियों ने मास्क के बदले मेहनताना लेने से भी इनकार कर दिया है। वहीं, जिला जेल प्रशासन ने जेल परिसर में साफ-सफाई के विशेष इंतजाम किए हैं। जेल में कई जगह हाथ धोने और सैनिटाइज करने के प्रबंध हैं। जेल अधीक्षक ओपी कटियार की मानें तो साफ-सफाई अपनाकर ही कोरोना पर जीत हासिल की जा सकती है। जेल अधीक्षक ने लोगों से साफ-सफाई रखने, मास्क लगाने और अपने आसपास के इलाकों को सैनिटाइज करने की अपील की है। उनका कहना है कि कोरोना से बचाव और जागरुकता ही कोरोना का इलाज है।