दरअसल, पांच नवंबर को गुलावठी कोतवाली क्षेत्र के जंगल में पुलिस को युवती का शव मिला था, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। कोतवाली गुलावठी प्रभारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि युवती के शव की शिनाख्त करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। पुलिस ने युवती की शिनाख्त करने के लिए स्थानीय लोगों से भी बात की, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद सोशल मीडिया की मदद लेते हुए युवती का फोटो पोस्ट किया गया। युवती के शव की फोटो देख एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि युवती का नाम कुसुम है, जो लोहगला गांव की रहने वाली है। पुलिस जब कुसुम के घर पहुंची तो उसके पिता रामजी लाल ने बेटी के लापता होने की बात कही।
पुलिस ने जब परिवार वालों को युवती के कपड़े व फोटो दिखाए तो उन्होंने कुसुम की पुष्टि की। पुलिस को कुसुम के पिता रामजी लाल से बातचीत के समय उन पर कुछ संदेह हुआ। इस पर पुलिस ने रामजी लाल को हिरासत में ले लिया। कोतवाली लाकर युवती के पिता से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने पूरा राज उगल दिया। अब इस मामले में एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि पिता को अपनी बेटी के चाल-चलन पर शक था। इसी वजह से उसने बेटी की गला दबाकर हत्या की है। फिलहाल आरोपी पिता को जेल भेज दिया गया है। वहीं बहन के शव को ढिकाने लगाने में पिता का साथ देने का आरोपी बेटा अभी फरार है।