प्राइवेट लैब की रिपोर्ट में डेंगू, सरकारी डॉक्टर मानने को तैयार नहीं
गांव अमरगढ़ निवासी विधवा बबीता पत्नी विजेंद्र ने अपने पति की मृत्यु के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ग्राम सचिव को ग्राम प्रधान द्वारा प्रमाणित लेटर, मृतक का आधार कार्ड व शपथ पत्र देकर आवेदन किया था। आरोप है कि ग्राम सचिव ने आवेदनकर्ता महिला के जिंदा जेठ प्रमोद कुमार के नाम से मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करके दे दिया।
बता दे कि जिले में ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके ह हैं। न्याय पंचायत अमरगढ़ क्षेत्र के गांव मदनगढ़ निवासी एक महिला की जमीन हड़पने के लिए एक वर्ष पूर्व जिंदा महिला का मृत्यु प्रमाणपत्र बना दिया गया था। यह मामला तब खुला जब महिला गांव में आ गई थी। इसमें ब्लॉक के एक कर्मचारी की साठगांठ होने का भी आरोप लगा था।
इस पूरे मामले में बीडीओ महेंद्र पाल ने बताया कि मृतक की बजाय जिंदा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। वे इसका पता लगाएंगे और जो भी इस संबंध में दोषी होगा उसके खिलाफ लापरवाही बतरने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी।