दरअसल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय संख्या तीन अमरजीत ने गत बुधवार को एसएसपी बागपत को एक आदेशित पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि वर्तमान में बड़ौत क्षेत्र के सीओ आलोक सिंह वर्ष 2018 में बुलंदशहर के शिकारपुर सर्किल के सीओ थे। उस दौरान उन्होंने दहेज व हत्या के एक मामले में कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामला सत्र में विचारण के लिए आने के बाद उन्हें बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी वह अदालत में पेश नहीं हुए। उसके बाद कोर्ट ने विभाग को सीओ का वेतन रोकने के संबंध में दिसंबर 2019 में भी एक पत्र भेजा था।
वहीं, गत बुधवार को सीओ आलोक सिंह को बयान देने के लिए पेश होना था, लेकिन वह नहीं आए। कोर्ट से पत्राचार के बावजूद एसएसपी बागपत द्वारा अभी तक नहीं बताया गया कि सीओ के खिलाफ पत्राचार किया गया या नहीं। इसमें लापरवाही होने पर अदालत एसएसपी के खिलाफ भी कार्रवाई करने पर बाध्य होगी। सीओ आलोक सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी उत्तर प्रदेश और प्रमुख सचिव गृह को भी वाया ईमेल और फैक्स के जरिए अवगत कराया गया है।