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बुलंदशहर

इतना कमीशन लेकर प्रदूषण फैलाने का लाइसेंस दे रहे थे क्लर्क-देखें वीडियो

जिलाधिकारी डा. रोशन जैकब ने कहा कि मुख्य पर्यावरण अधिकारी की तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों को FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।

बुलंदशहरJan 31, 2018 / 04:58 pm

Rahul Chauhan

clerk
बुलंदशहर। एनजीटी के आदेशों पर प्रदूषण फैलाने वाले बन्द पड़े ईंट भट्टों को चालू कराने के नाम पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दो अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद लखनऊ से आई टीम ने जांच कर दोनों अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कोतवाली देहात में लखनऊ के विभूति खण्ड गोमती नगर स्थित उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड से आए मुख्य पर्यावरण अधिकारी डा. मोहम्मद सिकंदर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बोर्ड मुख्यालय स्तर पर बुलंदशहर क्षेत्र का कार्य देखा जाता है। बीते दिनों उनको व्हाटसएप के माध्यम से बुलंदशहर की यमुनापुरम कालोनी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार किए जाने संबंधी शिकायती पत्र और वीडियो क्लिपिंग प्राप्त हुई थी।
इससे पता चला कि क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड में कार्यरत टंकण लिपिक धर्मेन्द्र कुमार और वैज्ञानिक सहायक अनिल कुमार द्वारा विभागीय कार्यों एवं दायित्वों के एवज में रिश्वत की मांग की गई। शिकायतकर्ता जयप्रकाश चौहान ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा और वीडियो क्लिप भी उपलब्ध कराई। देहात पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनका चालान कर दिया है।
भट्टा चालू कराने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
लिपिक धर्मेन्द्र कुमार व वैज्ञानिक अनिल कुमार ने बदायूं के एक बन्द पड़े ईंट भटटे को चालू करने के नाम पर एक लाख रूपये की रिश्वत मांगी थी। आश्चर्यजनक बात यह है कि भ्रष्ट लिपिक धर्मेद्र कुमार वीडियो में रिश्वत की 50 प्रतिशत रकम पहले और बाकी रकम बाद में देन की बात कहता नजर आ रहा है, वो भी अपने अफसरों के नाम पर। धर्मेन्द्र कुमार बाकायदा अपना हिस्सा अलग से मांग रहा है। रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में हड़कम्प मचा हुआ है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिलाधिकारी डा. रोशन जैकब ने कहा कि मुख्य पर्यावरण अधिकारी की तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ कोतवाली देहात में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के अन्तर्गत रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। भ्रष्टाचार को कतई बर्दाशत नहीं किया जाएगा।

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