बुलंदशहर

बुलंदशहर सड़क हाद्सा: काम की तलाश में निकले पिता और दो बेटों की दर्दनाक माैत

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लॉक डाउन में छूट मिलने पर काम की तलाश नें पानीपत जा रहा था परिवार, राेडवेज बस और ट्रक की टक्कर में पिता और दो पुत्रों की हाे गई माैत।

बुलंदशहरJun 13, 2020 / 10:53 am

shivmani tyagi

road accident

बुलंदशहर। लॉकडाउन में छूट मिलने पर शाहजहांपुर का एक परिवार में फैक्ट्री में काम करने के लिए पानीपत जा रहा था। देहात कोतवाली क्षेत्र के अढोली तिराहे पर हुई सड़क दुर्घटना में इसी परिवार के दाे बेटों समेत पिता की माैत हाे गई। इस दुर्घटना ( road accident ) के बाद से परिवार के बाकी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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देहात कोतवाली प्रभारी सुधीर कुमार त्यागी ने बताया शाहजहांपुर जिले के थाना सिंधौली के गांव फूलसंडा के रहने वाले 44 वर्षीय रामसागर अपने पांच साल के बेटे अमन, आठ साल के बेटे अंबुज, 11 साल के बेटे गोलू, 13 साल के बेटे अंकित और पत्नी गुड्डी के साथ शाहजहांपुर से दिल्ली जाने के लिए बुलंदशहर पहुंचे थे। नए बस स्टैंड से दिल्ली जाने के लिए यह परिवार रोडवेज बस में सवार हुआ। जब रोडवेज बस अढोली तिराहे पर पहुंची तो सामने से सिकंदराबाद की ओर से आ रहे एक टैंकर ने रोडवेज बस में टक्कर मार दी।
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इस दुर्घटना में रामसागर और उसके दो बेटे अमन वह अंबुज रोडवेज बस के इमरजेंसी खिड़की के पास सीट पर बैठे थे। टक्कर लगने पर इमरजेंसी खिड़की खुल गई और तीनों रोड पर जा गिरे। इसी दाैरान तीनों के ऊपर से टैंकर उतर गया और तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। रामसागर की पत्नी गुड्डी वह दो बेटे गोलू और अंकित मामूली रूप से जख्मी हुए हैं।
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तीनों बाप-बेटों शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाए गए हैं। मामूली रूप से जख्मी पत्नी काे दाेनाें बेटों के साथ अस्पताल भिजवाया गया है। दुर्घटना में एक ही परिवा के तीन सदस्यों की माैत की सूचना पर एसएसपी संतोष कुमार सिंह रात में ही माैके पर पहुंचे। टैंकर चालक के साथ-साथ रोडवेज बस का चालक और परिचालक भी दुर्घटना के बाद से फरार है। पुलिस ने टैंकर और रोडवेज बस को अपने कब्जे में ले लिया है।
अनलॉक-1 हुआ तो काम पर बुलाया था फैक्ट्री ने

मृतक राम सागर की पत्नी गुड्डी का कहना है कि दो दिन पहले ही उनके पास पानीपत से फोन आया था कि अब लॉकडाउन खुल गया है। वह पानीपत में आकर काम शुरू कर सकते हैं। जिसके बाद यह परिवार खुशी-खुशी पानीपत उस फैक्ट्री में जा रहा था, जहां पर यह लोग काम करते थे। गुड्डी का कहना है कि वह कंबल बनाने की एक फैक्ट्री में काम करते थे।

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