यह भी पढ़े –
नोएडा के गांव में लंपी वायरस ने दी दस्तक, अब तक 123 गायों में फैला संक्रमण ये था पूरा मामला जानकारी के मुताबिक, वजीरगंज के गांव उरैना निवासी 25 वर्षीय गोविंद का उसके पड़ोस में रहने वाली आशा से प्रेम-संबंध चल रहा था। दोनों ही शादी करना चाहते थे लेकिन पारिवारिक विवाद के चलते ऐसा हो नहीं पाया। उधर, गोविंद के परिजनों ने काम करने के लिए दिल्ली भेज दिया। जिसके बाद दोनों परिवारों ने तय किया कि बात एक ही बिरादरी की है तो शादी कर दी जाए। इसके बाद 14 मई 2017 को आशा के पिता किशनलाल ने गोविंद को फोन करके बुलाया। गोविंद जब उनके घर गया तो आशा के पिता किशनलाल, भाई विजयपाल, रामवीर और मां जलधारा ने उसकी कुल्हाड़ी से काट हत्या कर दी थी।
यह भी पढ़े –
बरेली में चार्जिंग के दौरान इलेक्ट्रिक बस में धमाका, मैकेनिक की मौत, 2 घायल बेटी के विरोध करने पर उसे भी मार डाला ये घटना देख जब आशा ने विरोध किया तो परिवार ने उस पर भी कुल्हाड़ी से वार करके मार डाला। इसके बाद बेटी के शव को घर के बाहर फेंक दिया। वहीं गांव की एक महिला ने घटना को देख लिया। सूचना पुलिस को दी गई लेकिन तब तक आरोपित फरार हो गए। वहीं गोविंद के पिता पप्पू राम ने आरोपित चारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने चारों आरोपितों को ढ़ूढ़ निकाला और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में जिला सत्र एवं न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई चल रही थी। एडीजीसी अनिल कुमार राठौर के अनुसार गुरुवार को जिला जज पंकज अग्रवाल ने इस मामले में चारों आरोपितों को दोषी करार दिया।