हिंदी सिनेमाजगत में महिलाओं का योगदान एक बड़ी मात्रा में है। इंडस्ट्री में महिलाओं के स्ट्रागल और मेहनत पर हुमा का मानना है कि नीना गुप्ता ( Neena Gupta ) और शाबना आजमी ( Shabana Azmi ) एक ऐसी एक्ट्रसेस हैं जिन्होंने कई नई अभिनेत्रियों के लिए रास्ते खोले हैं। बेशक आज हम उन्हें इस बात का श्रेय नहीं देते है या फिर उन्हें अनदेखा कर देते हैं लेकिन सच यही है कि हम लोग उनके आभारी हैं। उन्हीं के लक्ष्य कदम पर चलकर हमने अपना मुकाम हासिल किया है। वो सभी के लिए एक प्रेरणा हैं।
सिनेमा हमेशा से ही समाज का आईना माना जाता है। बॉलीवुड में बन रही फिल्मों के ऊपर समाज की एक जिम्मेदारी भी होती है। हुमा ने कहा कि वो मानती हैं कि समाज पर फिल्मों का असर बेहद जल्दी होता है। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री पर इस जिम्मेदारी को थोपना नहीं चाहिए। उनका ये भी कहना है कि समाज को सुधारने की सारी जिम्मेदारी बॉलीवुड या फिर फिल्मों पर ही क्यों होनी चाहिए?