1991 में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में जन्मे श्रीकांत का जीवन शुरुआत से आसान नहीं रहा। आंखों में रौशनी ना होने के कारण उनको तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। रिश्तेदारों ने उनके माता-पिता को आंखों के कारण ही उन्हें छोड़ देने की सलाह दी थी। बचपन में साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स उनका मजाक उड़ाया करते थे। श्रीकांत ने इन सब बातों पर ध्यान न देते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए।
तमाम चुनौतियों के बाद भी श्रीकांत ने ‘Massachusetts Institute of Technology’ से ग्रेजुएशन करने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय दृष्टिहीन स्टूडेंट बन गए।
2012 में श्रीकांत ने बोलैंट इंडस्ट्रीज की शुरुआत की जो सुपारी से बने प्रोडक्ट्स बनाती है और विकलांग लोगों के लिए काम देती है। उनके इनोवेटिव विचारों पर कई उद्यमियों ने फंडिंग भी की। निजी जीवन में श्रीकांत हाल ही में अपनी पत्नी वीरा स्वाति के साथ एक बच्ची के पिता बने हैं। श्रीकांत की कहानी उनके लचीलेपन, दृढ़ संकल्प और बदलाव लाने के लिए अटल रहने का प्रमाण है। अपनी उपलब्धियों के माध्यम से, श्रीकांत बोला दूसरों की मुश्किलों को दूर करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बनी फिल्म श्रीकांत (Srikanth) की इंडस्ट्रियलिस्ट श्रीकांत बोला की बायोपिक है। इसमें राजकुमार राव लीड रोल निभा रहे हैं। कुछ समय पहले ही फिल्म की अनाउंसमेंट हुई थी और तब से लोगों का इस बायोपिक का बेसब्री से इंतजार था। मूवी का ट्रेलर भी रिलीज हो गया है। ये मूवी 10 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।