अपनी एक तस्वीर के साथ सुशांत सिंह राजपूत ने अहमद फराज की कुछ लाइनें लिखी हैं। “यूंही मर मर के जिएं वक़्त गुज़ारे जाएं, ज़िंदगी हम तिरे हाथों से न मारे जाएं…अब ज़मीं पर कोई गौतम न मोहम्मद न मसीह, आसमानों से नए लोग उतारे जाएं…वो जो मौजूद नहीं उस की मदद चाहते हैं, वो जो सुनता ही नहीं उस को पुकारे जाएं…हम कि नादान जुआरी हैं सभी जानते हैं, दिल की बाज़ी हो तो जी जान से हारे जाएं।” उनकी इस पोस्ट पर अब लोग कमेंट कर रहे हैं कि आपके कैप्शन का असली मतलब कोई समझा ही नहीं। कोई लिखता है कि सर ये कैप्शन बहुत कुछ कहता है।
सुशांत ने इस पोस्ट के अलावा कई तस्वीरों पर ऐसे ही कैप्शन लिखें हैं। जिनको पढ़कर हर कोई हैरान है। सबका कहना है कि वह काफी वक्त से परेशानी से जूझ रहे थे लेकिन कोई उन्हें समझ नहीं पाया। इसके अलावा सुशांत ने ट्विटर (Sushant Twitter Cover Picture) पर भी एक कवर तस्वीर लगाई थी। ये तस्वीर अद्वितीय डच चित्रकार और शिल्पकार विंसेंट वैन (Vincent Van) की है। इस तस्वीर को बनाते वक्त वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे और इसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में सुशांत द्वारा इस तस्वीर का इस्तेमाल करना भी काफी कुछ कहता है।