जब गुस्से में शशि कपूर ने शत्रुघ्न सिन्हा की बेल्ट से लगाई थी पिटाई
एक बार बॉलीवुड के फेमस एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा और शशि कपूर दोनों एक फिल्म में काम कर रहे थे। इस दौरान किसी बात से नाराज होकर शशि कपूर ने शत्रुघ्न सिन्हा की बेल्ट से पिटाई लगा दी थी।
नई दिल्ली: बॉलीवुड के फेमस एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा, शशि कपूर (Shashi Kapoor and Shatrughan Sinha) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) फिल्म ‘शान’ में साथ नजर आए थे। आज हम आपको इस फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बता रहे हैं। जिसमें एक बार शशि कपूर किसी बात से नाराज होकर शत्रुघ्न सिन्हा को बेल्ट से मारने लगे थे। आइये और जानते हैं इस किस्से के बारे में।
शत्रुघ्न की इस बात से परेशान रहते थे सब दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा जितना अपनी दमदार डायलॉग डिलीवरी के लिए फेमस हुए। उतने ही लेट आने को लेकर लोग उनसे परेशान रहते थे। इस बारे में खुद अमिताब बच्चन भी बता चुके हैं कि शत्रुघ्न समय पर घर से तो निकलते थे, लेकिन सेट पर 5 या 10 मिनट नहीं बल्कि 3-3 घंटे लेट पहुंचा करते थे। वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा एक इंटरव्यू में बताया था कि अमिताभ बच्चन के अलावा एक्टर शशि कपूर थे जो कि उनकी इस आदत से बेहद परेशान थे।
परेशान शशि बेल्ट लेकर उन्हें मारने लगे थे ई-टाइम्स को दिए इस इंटरव्यू में शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया कि एक बार तो शशि कपूर उनसे इतना नाराज हो गए थे कि वह बेल्ट पकड़ कर उन्हें मारने लगे थे। दरअसल एक बार सेट पर शशि मुझसे पहले आ गए थे और उन्होंने काफी देर तक मेरा इंतजार किया था। ऐसे में जैसे ही मैं आया वो मुझे बेल्ट लेकर मारने लगे।
हमारे बीच काफी अच्छा वक्त था इस बीच मैंने उनसे कहा था कि अरे उन्होंने तुम्हें कास्ट तुम्हारी पंचुएलिटी के लिए किया है और मुझे मेरे टैलेंट के लिए। तभी शशि ने कहा था- देखो कितना बेशर्म है, ऐसा कह रहा है। शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा था कि हमारे बीच काफी अच्छा वक्त था, हम खूब हंसी मजाक किया करते थे और हमारी खूब जमती थी।
वह कभी वक्त के पाबंद नहीं रहे वहीं, एक बार अमिताभ बच्चन ने शत्रु के बारे में बताया था कि वह कभी वक्त के पाबंद नहीं रहे। हम जब भी फिल्म देखने का प्लान बनाते थे, तो ये हमेशा कहते थे, हां हां चलो चलते हैं। लेकिन 6 बजे का समय होता था और 6.30 बजे तक ये भाईसाहब अपने घर से निकले ही नहीं निकलते थे। इसके बाद भी जब कुछ कहो तो… हां चल रहे हैं, चल रहे हैं, बोलते। उनकी इस बात के कारण हम हमेशा आधा घंटा, पैंतालिस मिनट फिल्म देखने पहुंचते थे।