लेकिन क्या आप जानते हैं प्रोफेशनल लाइफ में सरोज भले ही कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती गईं हों, लेकिन उनकी निजी जिंदगी काफी तकलीफों से भरी हुई रही। महज 13 साल की उम्र में सरोज खान की शादी हो गई और हिंदू से मुसलमान बन गईं।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जबसरोज खान जब 3 साल की थीं तभी उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने डांसिंग करियर की शुरुआत बतौर बैकग्राउंड डांसर शुरू की थी। सरोज खान ने फिल्म ‘नजराना’ में पहली बार काम किया था। इस फिल्म में वो चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नजर आईं थीं। फिल्म में वो श्यामा नाम की बच्ची बनी थीं।
सरोज खान ने साल 1974 में कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल के साथ काम करना शुरू किया और उन्हीं से डांस की बारीकियां सीखीं। हालांकि उस वक्त उनकी उम्र महज 13 साल थी। साथ में काम करते-करते दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। इसके बाद सरोज खान ने अपने से 30 साल बड़े कोरियोग्राफर बी सोहनलाल से शादी करने का फैसला कर लिया।
शादी के लिए सरोज खान ने अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। 43 साल के बी. सोहनलाल से शादी करने के लिए उन्होंने अपना नाम भी बदला था। जी हां, सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था। लेकिन सोहनलाल के लिए वो निर्मला नागपाल से सरोज खान बन गईं।
सरोज खान ने एक इंटरव्यू इस बारे में बताया था कि उस वक्त वह स्कूल में पढ़ा करती थीं। तभी मास्टर सोहनलाल ने उनके गले में काले रंग का धागा बंध दिया और कहा था कि ‘मेरी शादी हो गई। सरोज खान ने ये भी बताया था कि कई लोगों ने मुझसे पूछा कि कहीं धर्म परिवर्तन के लिए किसी ने मुझपर दबाब तो नहीं डाला? तो मैंने कहा था कि ऐसा कुछ नहीं हैं मुझे इस्लाम से धर्म से प्रेरणा मिलती है।
आपको बता दें कि सोहनलाल पहले से ही शादीशुदा हैं, सरोज खान को ये बात तब पता चली जब उन्होंने बेटे राजू खान को जन्म दिया। 1965 में सरोज खान को दूसरा बच्चा भी हुआ, लेकिन वह मर गया। इधर सोहनलाल ने सरोज खान के बच्चों को अपनाने से इनकार कर दिया औऱ दोनों के रिश्ते में दरार आ गई। जिसके बाद सरोज खान ने अपने बच्चे अकेले ही पाले औऱ संघर्ष कर बॉलीवुड में इतना नाम कमाया।