इसके बाद उन्हें डॉक्टरों को दिखाया गया। कुछ दिन बाद रिपोर्ट आई, तो पता चला कि उन्हें सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी है। तमाम इलाज के बावजूद परवीन की ये बीमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही थी। उनके दिल में ये डर बैठ गया था कि कोई उन्हें मारना चाहता है। इतने साल गुजर जाने के बाद अब भी एक सवाल ज्यों का त्यों बना हुआ कि आखिर परवीन को अमिताभ से ही क्यों डर लग रहा था? उन्हें इस बात का डर क्यों सता रहा था कि अमिताभ उन्हें जान से मारना चाहते थे? ऐसा क्या हुआ था अमिताभ और परवीन के बीच कि वो अमिताभ को अपना दुश्मन मानने लगी थीं। असल में इस तरह के सवाल इसलिए भी उठते हैं कि उनकी जिंदगी में और भी कई पुरुष रहे हैं। बीमारी में उनमें से किसी का नाम उन्होंने क्यों नहीं लिया? बहरहाल, यह सवाल हमेशा एक सवाल ही रहेगा, जिसका कभी कोई उत्तर नहीं मिल सकता।
चरित्र से शुरू हुआ कॅरियर...
परवीन बाबी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर मॉडल की थी। उन दिनों वह अहमदाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही रही थीं। उसी दौरान प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक बीआर इशारा की नजर उन पर पड़ी। उस वक्त उन्होंने मिनी स्कर्ट पहन रखी थी और हाथ में सिगरेट था। इशारा उनके इस लुक से इतने प्रभावित हुए कि अपनी फिल्म चरित्र में उनको साइन कर लिया। इस तरह बतौर अभिनेत्री परवीन बाबी की 1973 में रिलीज फिल्म चरित्र से बॉलीवुड में पदार्पण हो गया। फिल्म चली नहीं, लेकिन परवीन बाबी चल निकलीं।
अफेयर्स…
बॉलीवुड में शुरुआती दिनों में ही परवीन अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहीं। अपने करीब तीन साल के कॅरियर में परवीन को तीन आदमियों के साथ जोड़ा गया और बदकिस्मती से तीनों शादीशुदा थे। शादीशुदा लोगों की ओर झुकाव रखने की वजह से परवीन को इंडस्ट्री में अलग नजरों से देखा जाता था। अपनी दूसरी ही फिल्म धुएं के दौरान वह डैनी डोंगजप्पा को अपना दिल दे बैठीं। हालांकि यह अफेयर ज्यादा दिनों तक नहीं चला। डैनी से हुए ब्रेकअप ने परवीन को काफी दर्द पहुंचाया।