बॉलीवुड जगत के दो दिग्गज अभिनेताओं की एक घटना सामने आई है। अपने अभिनय का लोहा मनवाने के बाद दोनों के बीच घटी एक घटना को जानकर आप भावुक हो सकते हैं। क्योंकि इसके बारे में बताते हुए गुरुजी यानी पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) भी भावुक हो गए। मामला मनोज बाजपेई (Manoj Bajpayee) से जुड़ा हुआ है। एक थ्रोबैक वीडियो में मनोज बाजपेयी और पंकज त्रिपाठी साथ दिखे थे और इस वीडियो में पंकज त्रिपाठी ने एक ऐसा किस्सा सुनाया कि सब इमोशनल हो गए।
कॉमेडी शो ‘द कपिल शर्मा शो’ में मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) और पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) जब आए थे दोनों ने कई सारी बातें की थी और इसी दौरान पंकज (Pankaj Tripathi) ने मनोज बाजपेयी को लेकर एक कमाल का किस्सा शेयर किया था।
पंकज त्रिपाठी ने बताया था कि जब वो एक्टर नहीं बने थे और वो एक होटल में काम करते थे और इसी दौरान उस होटल में मनोज बतौर गेस्ट पहुंचे और उनके साथ में काम करने वाले लोगों ने बताया कि होटल में मनोज बाजपेयी आए हुए हैं। जब पंकज त्रिपाठी को जब ये पता चला तो वो सुनकर पंकज हैरान हो गए क्योंकि वह उस दौरान थिएटर कर रहे थे और वो मनोज के बड़े फैन थे। उस दौरान पंकज बतौर कुक काम करते थे और जब मनोज होटल से चेकआउट करके चले गए तो उनकी चप्पल होटल में छूट गई। होटल ने तय किया कि चप्पल को रख लिया जाए और जब मनोज दोबारा आएं तो उन्हें लौटा दी जाए। लेकिन पंकज त्रिपाठी ने होटल मैनेजमेंट से गुजारिश की कि वो ये चप्पल उन्हें दे दें। पंकज त्रिपाठी ने चप्पल लॉस्ट एंड फाउंड डिपार्टमेंट से लेकर आशीर्वाद के रुप में अपने पास रख ली। अपनी ये कहानी बताते हुए पंकज भावुक हो गए. पंकज मनोज को अभिनय में अपना आदर्श मानते थे। इस घटना के बारे में बात करते हुए पंकज का वीडियो भी सामने आया है।
पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने कहा था कि ‘एकलव्य की तरह उस चप्पल में मैं अपना पैर डाल दूंगा, तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा। ‘ ये कहकर उनके आंखों में आंसू आ गए और वहां मौजूद सभी लोग भी बेहद इमोशनल हो गए और इसके बाद मनोज (Manoj Bajpayee) उन्हें गले से लगा लेते हैं।
आपको बता दें मनोज बाजपेयी ने अपने करियर में कई हिट फिल्में की हैं और इस सपने को पूरा करने के लिए वह 17 साल की उम्र में दिल्ली आ गए थे। वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ना चाहते थे। लेकिन बार चार अप्लाई करने के बाद भी उन्हें एडमिशन नहीं मिला और उन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया। उन्होंने स्क्रीन डेब्यू साल 1994 में शेखर कपूर की फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ से किया। फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा था लेकिन वह यही से नोटिस हुए। इसके बाद तो उन्होंने ‘सत्या’, ‘शूल’ और गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों में अपनी परफोर्मेंस से सबको चौंका दिया।