मीना कुमारी ने अपने फिल्मी करियर में 92 फिल्मों में काम किया था। उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया था। लेकिन महज 38 साल की उम्र में 31 मार्च 1972 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। कोमा में जाने के दो दिन बाद ही उनका निधन हो गया था। उन दिनों नरगिस दत्त उनकी बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थीं। कहा जाता है कि नरगिस जब मीना कुमारी के अंतिम संस्कार में पहुंचीं तो उनके मुंह से निकला था, “मीना कुमारी, मौत मुबारक हो!”।
नरगिस की ये बात सुनकर हर कोई हैरान रह गया था। हर कोई जानना चाहता था कि आखिर अपनी ही दोस्त के लिए उन्होंने ऐसा क्यों कहा? एक उर्दू मैगज़ीन में एक आर्टिकल के जरिये नरगिस ने इस बात का खुलासा किया था। इसमें लिखा था, ‘मीना, मौत मुबारक हो। मैंने यह पहले कभी नहीं कहा। मीना, आज आपकी बाजी (बड़ी बहन) आपको आपकी मृत्यु पर बधाई देती है और आपको इस दुनिया में फिर से न आने के लिए कहती है। क्योंकि ये जगह आप जैसे लोगों के लिए नहीं है। इसके बाद नरगिस ने याद किया कि एक बार रात के खाने के लिए बाहर जाने पर कैसे मीना कुमारी ने उनके बच्चों संजय दत्त और नम्रता दत्त की देखरेख की थी। उन्होंने उनके कपड़े बदले और उन्हें दूध पिलाया।
बता दें कि नरगिस ने खुलासा किया था कि उन्होंने मीना कुमारी के कमरे से चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनी थीं। उनके पति उनसे मारपीट किया करते थे। जिसके बाद मीना और कमल अमरोही का तलाक हो गया था। लेकिन तलाक के बाद मीना शराब की आदी हो गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ गई थी। उनका लीवर कमजोर हो गया था। मीना कुमारी की हिट फिल्म पाकीजा के रिलीज के एक महीने बाद ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था।
मीना कुमारी को ट्रेजडी क्वीन के नाम से जाना जाता है। उनकी जिंदगी में दुखों की शुरुआत पैदा होते ही हो गई थी। उनके पिता को हमेशा से एक बेटे की चाहत थी। लेकिन जब मीना कुमारी का जन्म हुआ तो उनके पिता को ये बात बिल्कुल रास नहीं आई। उनके जन्म के बाद ही उनके पिता ने उनको अनाथालय में छोड़ दिया। लेकिन बेटी से अलग होने के बाद उनकी मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। जिसके बाद उनके पिता उन्हें वापस ले आए।