‘किसी ने ऐसा कहने की हिम्मत नहीं की थी’
दरअसल, हेमा मालिनी ने एक बार फिरोज खान के बारे में कहा था,’वे पहले और आखिरी व्यक्ति थे जिन्होंने मुझे ‘बेबी’ कहा था।’ किसी ने ऐसा कहने की हिम्मत नहीं की थी। काश, कोई कहता। क्या शानदार आदमी थे वे। जब मैंने ‘धर्मात्मा’ करने के लिए हां कही थी, तब उन्होंने बहुत साफ कहा था कि मैं केवल पहले हॉफ तक ही फिल्म में रहूंगी। उन्होंने कहा,’तुम ना नहीं कह सकती हो, बेबी!’ ये मेरे लिए एक नया अनुभव था। मुझसे ज्यादा मेरी मां को झटका लगा था। जब हर कोई मुझे ‘जी’ कह कर बुलाता था, तब कोई मुझे इतने स्नेह से बुलाए।
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ग्लैमरस दिखाने का लिया था चैलेंज
उन्होंने खुद ये चैलेंज ले लिया था कि मुझे पहले से कहीं ज्यादा ग्लैमरस और सेंसुयस दिखाना है। ये बहुत मूश्किल काम था क्योंकि मैं लगातार अपने आप को परमेश्वर गोदरेज के अलाउड कपड़ों से ज्यादा खुद को ढकने की कोशिश करती थी। मुझे नहीं लगता कि मैंने पूरे जीवन में कभी इनत सेफ्टी पिन इस्तेमाल किए हों। वह मुझे आजकल की एक्ट्रेसेस की तरह दिखाना चाहते थे। ये मेरे लिए संभव नहीं था।’ मुझे लगता है कि हमें और फिल्में साथ में करनी चाहिए।
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गौरतलब है कि ‘धर्मात्मा’ फिल्म 1975 में रिलीज हुुई थी। इसका निर्माण और निर्देशन फिरोज खान ने किया था। इसके लीड स्टार्स में खुद फिरोज खान, हेमा मालिनी, रेखा, प्रेमनाथ, नाजीर हुुसैन, रंजीत, डैनी, धारा सिंह व अन्य स्टार्स थे। इस फिल्म के दौरान फिरोज की उम्र 36, हेमा मालिनी की 27 और रेखा की उम्र 21 साल थी। यह पहली बॉलीवुड फिल्म थी जिसकी शूटिंग अफगानिस्तान में हुई थी। इस फिल्म की सफलता ने इसके सभी स्टार्स को नई उंचाईयों तक पहुंचाया।