ये कहानी खुद विद्या और उसके परिवार की है जिसे 33 मिनट की शॉर्ट फिल्म में मैसेज के तौर पर दिखाया गया है। सोनू का किरदार निभाने वाली सानिका पटेल का भी कमाल का काम किया है। विद्या बालन ने हाल ही में अपनी फिल्म के बारे में बात करते हुए बताया कि समाज के हर तबके में घरेलू हिंसा (Vidya Balan on Domestic Voilence) होती है। हमारी कहानी भले ही एक गांव की है लेकिन ये सोसाइटी में हर तरफ फैला हुआ है। जब मुझे पहली बार स्क्रिप्ट मिली तो मैं तैयार थी उस तरह का किरदार निभाने के लिए जो मैंने कभी किया नहीं था। मेरे द्वारा निभाई जाने वाली ज्यादातर महिलाएं बहुत ही तेज़, बोल्ड और मजबूत रही हैं। बहुत कम बार आपने मुझे इतना विनम्र देखा होगा।
मुझे पता था कि ये मेरी सच्चाई नहीं है। मेरे सामने अगर कोई उंगली भी उठा दे तो मैं उसका बुरा हाल कर दूं। लेकिन मैं दूसरा पहलू जानना चाहती थी। बहुत सारी महिलाएं खुद के लिए खड़ी नहीं हो पाती लेकिन जब उनके बच्चों की बात आती है तो वो उनके लिए सही करना चाहती हैं। मेरा एक पसंदीदा सीन (Vidya Balan Favourite Scene) है जहां खाने की टेबल पर घर के सभी मर्दों के बीच बातचीत चल रही है और मैं एक भी शब्द नहीं बोल सकती बल्कि मेरा चेहरा घूंघट से ढका हुआ है।
प्रोड्यूसर बने रहने की बात पर विद्या ने कहा कि मैं पहले एक्टर हूं और वैसा ही सोचती हूं। मैं प्रोड्यूसर की तरह सोचती। एक प्रोड्यूसर बनना बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। मेरी टीम ने सबकुछ संभाला है और ये कहने में मुझे कोई शर्म नहीं है।