ट्रेड एनालिस्ट तरण आर्दश ने ट्वीट कर लिखा, ‘All that glitters is NOT gold… Holds true for #TOH… Some engrossing moments in the first hour, that’s about it… Formula-ridden plot, screenplay of convenience, shoddy direction are the main culprits… 👎 वहीं दूसरा यूजरे ने लिखा की फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ देखना यानी पैसे को वेस्ट करना है। दर्शक फिल्म के पहले घंटे में ही बोर हो गए।
फिल्म की कहानी की बात करें तो ये 1795 की कहानी पर आधारित है। जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने आई थी और उस बहाने भारत पर कब्जा करने की मंशा थी। गोरों की गुलामी मंजूर न करने वालों ने इसके खिलाफ अपने-अपने तरीके से आवाज उठाई जिसमें से एक थे आजाद/खुदाबक्श यानी अमिताभ बच्चन। उनके साथ उनकी अपनी समुद्री कबीले की फौज। एक ठग को हारने के लिए अंग्रेजों ने दूसरे ठग का सहारा लिया। ये दूसरा ठग आमिर खान है। इस रोल में आमिर का गेट-अप काफी कमाल का है। उनके बात करने का तरीका भी काफी अलग है। वहीं कैटरीना कैफ को सुरैया जान के रूप में कातिलाना अदाओं के जलवे बिखेरे। बता दें कि 1839 में आई फिलिप मेडॉस टेलर के नॉवेल ‘कन्फेशन ऑफ अ ठग’ पर आधारित है लेकिन ट्रेलर लॉन्च के दौरान निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य ने इस बात का खंडन किया।