1. हलक़ में हाथ डालकर कलेजा खींच लूंगा हरामख़ोर.. उठा उठा के पटकूंगा! उठा उठा के पटकूंगा! चीर दूंगा, फाड़ दूंगा साले! फिल्म- गदर: एक प्रेम कथा (2001)
2. अशरफ अली! आपका पाकिस्तान ज़िंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान ज़िंदाबाद है, ज़िंदाबाद था और ज़िंदाबाद रहेगा! बस बहुत हो गया।
3. ये मज़दूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है! ये ताकत ख़ून-पसीने से कमाई हुई रोटी की है। मुझे किसी के टुकड़ों पर पलने की जरूरत नहीं।
4. क्या चाहता है? क्या चाहता है तू? मौत चाहता है? तेरे सारे कुत्तों को मैंने मार दिया, मगर वो राजू को कुछ नहीं कर सके, वो जिंदा है। तेरा कोई भी बारूद, कोई भी हथियार उसे मार नहीं सकता। आज के बाद तेरी हर सांस के पीछे मैं मौत बनकर खड़ा हूं।
5. तेरा गुनाहों का काला चिट्ठा मेरे पास है इंस्पेक्टर। तुझे कानून की ठेकेदारी का लाइसेंस मिले छह साल हुए, और उन छह सालों में तूने अपने लॉकअप में, पांच लोगों को बेहरमी से मौत के घाट उतार दिया।
6. पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है कात्या। तू चाहता है मैं तेरे यहां कुत्ता बनकर रहूं। तू कहे तो काटूं, तू कहे तो भौंकू। फिल्म- घायल (1990)
7. रिश्वतख़ोरी और मक्कारी ने तुम लोगों के जिस्म में मां के दूध के असर को ख़तम कर दिया है। खोखले हो गए हो। तुम सब के सब नामर्द हो।
8. चिल्लाओ मत, नहीं तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा। न तारीख़ न सुनवाई, सीधा इंसाफ। वो भी ताबड़तोड़। फिल्म- दामिनी (1993)
9. तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख…तारीख पर तारीख…तारीख मिलती रही है, लेकिन इंसाफ नहीं मिला। माई लॉर्ड इंसाफ नहीं मिला…मिली है तो सिर्फ यह तारीख।
10. पत्थरों की दुनिया में देवता बनना तो बहुत आसान है, इंसान बनना बहुत मुश्किल।