Sunny deol’s film Gadar: भी फिल्म ‘गदर’ (Gadar) का गाना ‘उड़ जा काले कावा’ बजता है, तो सालों पुरानी खूबसूरत यादें हमें घेर लेती हैं। फिल्म के जरिये देश के बंटवारे के समय की तकलीफों को बयां किया गया है। सनी देओल और अमीषा पटेल की हिट जोड़ी करीब 22 साल बाद ‘गदर 2’ से तारा सिंह और सकीना के रोल में लौटे हैं। फिल्म की टिकटें तेजी से बिक रही हैं। आपको बताना चाहते हैं कि ‘गदर’ एक सच्ची कहानी से प्रेरणा लेकर बनाई गई थी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान, पूर्वी पंजाब के कई मुस्लिम परिवारों को मारा और खदेड़ा गया था। पाकिस्तान की तरफ जा रहे एक काफिले से एक जवान मुस्लिम लड़की जैनब को अगवा किया गया था। बूटा सिंह ने उस पाकिस्तानी लड़की को बचाया और उनके प्यार में पड़ गए। बूटा और जैनब ने शादी कर ली। उनकी दो बेटियां हुईं, जिनका नाम तनवीर और दिलवीर है।
जैनब पाकिस्तान के लाहौर में एक छोटे से गांव नूपुर में अपने परिवार के पास चली गईं। जैनब की जिंदगी उनके मां-बाप के निधन के बाद बिल्कुल बदल गई और उनकी बहन उनकी जायदाद की कानूनी हकदार बन गईं। जैनब के करीबी ने उन पर उनक बेटे से ब्याह करने का दबाव बनाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बूटा सिंह को पाकिस्तान से एक लेटर आया, जिसे जैनब के पड़ोसी ने जैनब के लाख बार बोलने पर लिखकर भेजा था।
बूटा सिंह फिर दिल्ली में अधिकारियों से मिले और उनसे अपनी पत्नी और बच्चों को वापस बुलाने का अनुरोध किया। बूटा सिंह के पास जब कोई ऑप्शन नहीं बचा, तो उन्होंने इस्लाम अपना लिया। वे गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान में दाखिल हुए, ताकि अपनी पत्नी और बच्चों को वापस ला सकें। बूटा सिंह की तब हैरानी का ठिकाना नहीं रहा, जब जैनब के घरवालों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया और उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले कर दिया। कहते हैं कि परिवार के दबाव में जैनब ने कोर्ट के सामने बूटा सिंह के साथ जाने से मना कर दिया और अथॉरिटी से कहा कि बेटी को बूटा सिंह के साथ भारत वापस भेज दें।