दीपिका ने हाल ही स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित हुए एक इवेंट में मानसिक स्वास्थ्य पर अपने विचार और अनुभव साझा किए। डिप्रेशन के साथ लड़ाई के बारे में उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहली बार मां से बात की और उन्होंने ही मदद की। दीपिका ने कहा कि ये एक सामान्य बीमारी है और इसका उपचार संभव है।’ अंत में उन्होंने कहा,’मेरे प्यार और नफरत के रिश्ते ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मैं डिप्रेशन से पीड़ित सभी लोगों को बताना चाहती हूं कि आप अकेले नहीं हैं।’ बता दें कि दीपिका खुद भी इस बीमारी की शिकार रह चुकी हैं। वे अकसर इस बारे में लोगों को जागरुक भी करती हैं और उनकी मदद भी करती हैं।
मेंटल हेल्थ सबसे जरूरी विषय
वहीं एकट्रेस जाह्नवी कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वे मेंटल हेल्थ और ह्यूमन साइकोलॉजी जैसे सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो कई तरह के सामाजिक मुद्दे हैं, जिन पर आधारित फिल्में करना चाहूंगी। लेकिन मेरे हिसाब से मेंटल हेल्थ इस समय सबसे जरूरी विषय है, जिस पर मुझे फिल्म करनी है,जिससे की समाज और भी जागरूक हो।
अच्छी जिंदगी भी मुश्किल लगती है
उन्होंने कहा, ‘एक इंसान का दिमाग बहुत ही जटिल होता है। इतना जटिल, जिसमें एक अच्छी जिंदगी भी मुश्किलों से भरी हुई लगती है। हालांकि मैं कभी डिप्रेस नहीं हुई हूं। हां, मैं दुःखी बहुत रही हूं, ये मुझे बड़ी आसानी से घेर लेते है।’
अवसाद की सबसे बड़ी वजह
जाह्नवी बताती हैं,’सोशल मीडिया अवसाद की सबसे बड़ी वजह है। इंटरनेट पर दिखावे की वजह से हम इंसानियत को भूलते जा रहे हैं। अपने आस-पास के लोगों से नजदीक होते हुए भी दूर हो रहे हैं। पहले लोग अपने परिवार, दोस्तों, मोहल्ले वालों और करीबियों के साथ बैठकर समय बिताते थे। उनका आपस में कनेक्शन होता था। ये अब बदल गया है। आज लोग सोशल मीडिया की वजह से भीड़ में भी अकेले हैं। वे अपने मोबाइल पर ही लगे रहते हैं। यही सबसे बड़ी वजह है डिप्रेशन की।
एक्ट्रेस इन दिनों करण जौहर की आगामी फिल्म ‘तख्त’ की शूटिंग में व्यस्त हैं। इसमें अपने किरदार के लिए वे उर्दू भाषा और कत्थक नृत्य सीख रही हैं। उनका कहना है कि वे मॉडर्न किरदारों से ज्यादा पीरियड ड्रामा के किरदारों को अच्छे से समझ सकती हैं।