‘शोले’ की ‘मौसी’ याद है आपको, 12 साल की उम्र में हो गई थी शादी; ऐसे मिलने शुरू हुए थे फिल्मों में मां और मौसी के रोल
फिल्म ‘शोले’ (Sholay) आप सभी ने देखी होगी. उसमें तांगा चलाने वाली बसंती को भी आप सभी जानते ही होंगे, तो बसंती की ‘मौसी’ को कैसे भूल सकते हैं, जिनसे पानी की टंकी पर चढ़ कर वीरू ने कहता था ‘कूद जाऊंगा, फांद जाऊंगा, मर जाऊंगा हट जाओ, मौसी शादी के लिए नहीं मान रहीं’. उन मौसी का असली नाम लीला मिश्रा (Leela Mishra) है.
‘शोले’ की ‘मौसी’ याद है आपको, 12 साल की उम्र में हो गई थी शादी; ऐसे मिलना शुरू हुए थे फिल्मों में मां और मौसी के रोल
बॉलीवुड की सबसे फेमस और पसंदीदा फिल्म ‘शोले’ (Sholay) आज तक सभी के जहन में ताजा है. फिल्म का एक-एक डायलॉग बच्चे-बच्चे की जुबान पर है. जय-वीरू, बसंती से लेकर ठाकुर और गब्बर सिंह तक. सांबा से लेकर मौसी तक.. फिल्म में एक से बढ़कर एक किरदार नजर आए थे. आज हम आपको फिल्म के एक ऐसे ही किरदार के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भले ही फिल्म में कम नजर आई, लेकिन जितना भी नजर आईं यादों में बस गईं. जी हां, हन बात कर रहे हैं तांगा चलाने वाली बसंती की ‘मौसी’ के बारे में.
सब इसको शोले वाली मौसी के नाम से ही जानते हैं, लेकिन जिन्होंने ये किरदार निभाया था उन एक्ट्रेस का नाम लीला मिश्रा (Leela Mishra) है. ये बात हम यकीन से कह सकते हैं कि इनको आप भी इनके नाम से नहीं जानते होंगे, बल्कि मौसी के नाम से ही जानते होंगे. बताया जाता है कि लीला मिश्रा की शादी महज 12 साल की उम्र में राम प्रसाद मिश्रा नाम के व्यक्ति से हुई थी.
लीला जब 17 साल की हुई तो वो मां भी बन चुकी थीं. लीला के पति राम प्रसाद एक्टिंग के सिलसिले में मुंबई शिफ्ट हो गए थे और लीला भी उनके साथ मुंबई आ गईं. मुंबई आने के बाद लीला को एक फिल्म का ऑफर मिला था. लीला को इस फिल्म के लिए उस जमाने में 500 रुपए दिए गए थे, जबकि उनके पति को 150 रुपए मिला करते थे, लेकिन बताया जाता है कि तब उनको एक्टिंग नहीं आती थी.
इसी के चलते ठीक ढंग से एक्टिंग ना कर पाने के कारण उनके हाथ से वो फिल्म निकल गई. खबरों की माने तो लीला को फिल्मों के ऑफर तो बहुत आते थे, लेकिन वे किसी भी आदमी को छूती नहीं थीं इसके चलते उनके हाथ से कई फिल्में निकल जाती थीं.एक फिल्म में लीला को अपने साथ एक्टर शाहू मोदक को गले लगाना था, लेकिन लीला इसके लिए तैयार नहीं हुईं.
नतीजा ये निकला कि मेकर्स ने लीला को शाहू मोदक की मां का किरदार थमा दिया और यहीं से लीला की किस्मत बदल गई थी. अपने चार दशक लंबे फिल्मी सफर में लीला ने साइड्स रोल्स में ना केवल पहचान बनाई बल्कि खूब नाम, सम्मान भी कमाया. लीला ने अपने दौर से लेकर नए तक दर्जनों फिल्मों में काम किया. बता दें कि 80 साल की उम्र में 17 जनवरी 1988 में लीला मिश्रा का निधन हो गया.
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