शत्रुघ्न सिन्हा ने अमर उजाला से बात करते हुए कहा कि मैं सुशांत से सिर्फ एक बार ही मिला था लेकिन हमारे बीच कई समानताएं (Shatrughan Sinha remembered Sushant Singh) थीं। वो भी पटना से था और मैं भी बिहार से हूं इसलिए भी एक लगाव महसूस होता था। जो हुआ सही नहीं हुआ लेकिन उसके कई दोस्तों से मैं ये सवाल पूछना चाहता हूं (Shatrughan Sinha raised question on Sushant friends) कि वो तब कहां थे जब सुशांत डिप्रेशन (Sushant Depression) से लड़ रहा था। जो अब इतनी फिक्र दिखा रहे हैं वो तब उसके साथ क्यों नहीं थे? कहा जा रहा है कि सुशांत डिप्रेशन का शिकार थे, तकलीफ में थे। तो उस वक्त उनके दोस्तों ने उन्हें संभाला क्यों नहीं। उस दौरान उनके साथ क्यों नहीं रहे। अगर सुशांत परिवारवाद या गुटबांजी में फंस गए थे तो उस वक्त इन दोस्तों ने उसे ये क्यों नहीं समझाया (Shatrughan asked why Sushant friends dint help) या बताया कि वो खुद बहुत काबिल है। तब उसके लिए सामने आकर क्यों नहीं कुछ बोला कि उसके साथ ऐसा कुछ हो रहा है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि हां मैं मानता हूं ये मामला सुलझना चाहिए। लेकिन ये भी महसूस होता है कि एक हमारा एक बच्चा चला (Shatrughan Sinha said we already lost Sushant) गया। आज जिसके लिए ये लड़ाई लड़ी जा रही है वो आखिरकार नहीं है। बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा ने इससे पहले अपने इंटरव्यू में कहा था कि सुशांत को ऐसा नहीं करना चाहिए था। मरना कोई समस्या का हल नहीं है। उन्होंने अपने वक्त के नेपोटिज्म और मुसीबतों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और मैं खुद बहुत मुश्किलों से आगे बढ़ा हूं। हमने बहुत मेहनत की है।